15 हजार छात्रों का भविष्य अधर में लटका
Nov 21, 07:48 pm
संवाद केंद्र : जम्मू बोर्ड से वर्ष 2008-10 के जेबीटी के स्पेशल बैच के लगभग 15 हजार विद्यार्थियों की परीक्षा न होने के कारण उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
बोर्ड ने कोर्ट के निर्देशों के बाद नवंबर 2010 में परीक्षा लेने की बात कही थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी यह परीक्षा नहीं ली गई है। इस कारण हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में फंसता नजर आ रहा है। इस मामले में संबंधित छात्र व उनके अभिभावक जम्मू के शिक्षा मंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। अब छात्र और अभिभावकों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कई केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
अभिभावक सूर्या वत्स, सुशील शर्मा, विनोद महत्ता आदि ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों के जम्मू एवं कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन के कोर्स ईटीटी सत्र 2008-10 में दाखिला लिया था। इस सत्र में हरियाणा के लगभग 50 हजार विद्यार्थी थे। सभी विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं। दाखिल होने के बाद से ही बोर्ड इस सत्र के पेपर लेने में आनाकानी करता आ रहा था। इसके बाद जम्मू बोर्ड ने 2008-10 सत्र के प्रथम वर्ष के पेपर जून 2010 में लिए, लेकिन हरियाणा के लगभग 15 हजार विद्यार्थी जम्मू बोर्ड की खामियों के कारण परीक्षा देने से वंचित रह गए। इनकी परीक्षाएं आज तक नहीं हो सकी हैं। विद्यार्थियों के बार-बार आग्रह करने के बाद बोर्ड ने एक नोटिस समाचार पत्र में प्रकाशित करके सत्र 2008-10 के पेपर नवंबर 2010 में लेने की बात कही थी। यह सत्र 2008-10 का था, लेकिन अब 2010 समाप्त होने को है, लेकिन इस सत्र की प्रथम वर्ष की परीक्षा अब तक नहीं ली गई है। इसके साथ ही जम्मू बोर्ड ने 2009-11 सत्र की परीक्षाएं भी अप्रैल 2011 में ले ली है। लगभग 18 से 20 माह बीतने के बाद भी बोर्ड उन्हें कोई सूचना नहीं दे रहा है। इस मामले में वह बोर्ड के चेयरमैन, सचिव और जम्मू एवं कश्मीर के शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने मांग की है कि उनकी परीक्षाएं ली जाए ताकि उनका भविष्य खराब न हो सके।
बोर्ड ने कोर्ट के निर्देशों के बाद नवंबर 2010 में परीक्षा लेने की बात कही थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी यह परीक्षा नहीं ली गई है। इस कारण हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में फंसता नजर आ रहा है। इस मामले में संबंधित छात्र व उनके अभिभावक जम्मू के शिक्षा मंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। अब छात्र और अभिभावकों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह कई केंद्रीय मंत्रियों को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
अभिभावक सूर्या वत्स, सुशील शर्मा, विनोद महत्ता आदि ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चों के जम्मू एवं कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन के कोर्स ईटीटी सत्र 2008-10 में दाखिला लिया था। इस सत्र में हरियाणा के लगभग 50 हजार विद्यार्थी थे। सभी विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से संबंध रखते हैं। दाखिल होने के बाद से ही बोर्ड इस सत्र के पेपर लेने में आनाकानी करता आ रहा था। इसके बाद जम्मू बोर्ड ने 2008-10 सत्र के प्रथम वर्ष के पेपर जून 2010 में लिए, लेकिन हरियाणा के लगभग 15 हजार विद्यार्थी जम्मू बोर्ड की खामियों के कारण परीक्षा देने से वंचित रह गए। इनकी परीक्षाएं आज तक नहीं हो सकी हैं। विद्यार्थियों के बार-बार आग्रह करने के बाद बोर्ड ने एक नोटिस समाचार पत्र में प्रकाशित करके सत्र 2008-10 के पेपर नवंबर 2010 में लेने की बात कही थी। यह सत्र 2008-10 का था, लेकिन अब 2010 समाप्त होने को है, लेकिन इस सत्र की प्रथम वर्ष की परीक्षा अब तक नहीं ली गई है। इसके साथ ही जम्मू बोर्ड ने 2009-11 सत्र की परीक्षाएं भी अप्रैल 2011 में ले ली है। लगभग 18 से 20 माह बीतने के बाद भी बोर्ड उन्हें कोई सूचना नहीं दे रहा है। इस मामले में वह बोर्ड के चेयरमैन, सचिव और जम्मू एवं कश्मीर के शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने मांग की है कि उनकी परीक्षाएं ली जाए ताकि उनका भविष्य खराब न हो सके।
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