हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सचिव तलब

चंडीगढ़त्नवर्ष 2008 में भर्ती नायब तहसीलदार मामले में कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सचिव को तलब कर लिया है।

पानीपत के सिलाना निवासी सुरेंद्र सिंह की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि भर्ती में बड़े स्तर पर धंाधली की गई हैं। याची ने सूचना के अधिकार के तहत लिखित परीक्षा व साक्षात्कार की जानकारी मांगी तो चयन एजेंसी ने जो जानकारी मुहैया करवाई उस पर याची को संदेह हुआ। इस पर याची ने उत्तर पुस्तिका व चयनित उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिका दिखाए जाने की मांग की थी।

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वित्त विभाग ने पेंशन संबंधी अधिसूचना जारी की

चंडीगढ़त्न प्रदेश के वित्त विभाग ने पहली जनवरी, 2006 से पहले के मृतक सरकारी कर्मचारी और पहली जनवरी, 2006 को बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहे परिवारों के मामले में बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन की अदायगी की 10 वर्षों की अवधि बारे स्पष्ट किया है। वित्त विभाग ने साफ किया है कि सेवाकाल के दौरान मृत सरकारी कर्मचारी के परिवार को वित्तीय सहायता अवधि पूरी होने के उपरांत 10 वर्षों की अवधि के लिए परिवार पेंशन योजना-1964 के तहत बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन देय होगी। बहरहाल, पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा नहीं होगी।



बशर्ते, बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन केवल ऐसे मामलों में देय होगी, जहां संबंधित सरकारी कर्मचारी की मृत्यु सात वर्षों या अधिक की लगातार सरकारी सेवा पूरी करने के उपरांत हुई हो।



पेंशन प्राप्तकर्ता की मृत्यु के संबंध में परिवार को बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन की अदायगी के लिए अवधि में कोई बदलाव नहीं होगा और 10 वर्षों तक बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन का संशोधित प्रावधान ऐसी स्थिति में लागू नहीं होगा जहां बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन की अदायगी के लिए उपरोक्त अवधि के सात वर्ष पहली जनवरी, 2006 को या इससे पूर्व पूरे हो चुके हों और परिवार उस तिथि पर सामान्य पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहा हो।

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१५० किस्तों में होगी मूल एडवांस की वसूली

चंडीगढ़ त्न प्रदेश के वित्त विभाग ने सरकारी कर्मचारियों को भवन निर्माण, मोटर कार, स्कूटर, मोटर साइकिल, साइकिल, कंप्यूटर और शादी के लिए दी जाने वाली एडवांस राशि पर ब्याज की वसूली के बारे में कुछ स्पष्टीकरण किया है। विभाग के अनुसार भवन निर्माण एडवांस के तहत मूल राशि की वसूली के लिए विभाग द्वारा किस्त की राशि इस प्रकार निर्धारित की जानी चाहिए कि मूल राशि की वसूली अधिकतम 150 मासिक किस्तों में हो सके और उसके बाद ब्याज की वसूली नियमानुसार की जाएगी। एडवांस स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी, बहरहाल, एडवांस लेने वाला सरकारी कर्मचारी की इच्छा पर कम किस्तों में वसूली की अनुमति दे सकता है।





ब्याज की राशि एक या एक से अधिक किस्तों में वसूल की जाएगी और ऐसी प्रत्येक किस्त मूल राशि वसूल करने के लिए निर्धारित की गई किस्त से अधिक नहीं होनी चाहिए।

मूल राशि के पुनर्भुगतान के पूरा होने के अगले मास से बाद ब्याज की वसूली शुरू होगी। अन्य ऋणों की वसूली के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।


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