अब नहीं होगा पेपर लीक, आ गया नया फार्मूला

चंडीगढ़. सीबीएसई ने 9वीं और 10वीं की परीक्षा के दौरान पेपर लीक और प्रश्नपत्रों की समानता की समस्या को खत्म करने के लिए ऑटोमेटेड जेनरेशन ऑफ क्वेश्चन पेपर सॉफ्टवेयर तैयार किया है।

इसे अगले वर्ष होने वाली परीक्षाओं के दौरान इस्तेमाल में लाया जाएगा। इस प्रणाली के तहत संबंधित स्कूल को कोड और पासवर्ड मिलेगा, जिसके तहत परीक्षा के दिन स्कूल संचालक इस कोड और पासवर्ड का इस्तेमाल कर सीबीएसई से ऑनलाइन प्रश्नपत्र हासिल कर सकेंगे।

कैसे करेगा काम

सीसीई (कॉन्टीनुअस कॉम्प्रीहेंसिव इवेलुएशन सिस्टम) को बेहतर बनाने के लिए यह सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके तहत सीबीएसई की तरफ से एक क्वेश्चन बैंक तैयार किया जाएगा। इसमें सब्जेक्ट के अनुसार पेपर लोड किए जाएंगे। सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर देश भर के लगभग 80,000 स्कूल एक ही बार में प्रश्नपत्र डाउनलोड कर सकेंगे।

सीबीएसई के अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक स्कूल का अलग-अलग लॉग इन होगा, लॉग इन के बाद कोड भरा जाएगा। कोड की वेरिफिकेशन के बाद सब्जेक्ट के सिलेक्शन की ऑप्शन पूछी जाएगी। सब्जेक्ट सिलेक्ट करने के बाद लेवल सिलेक्ट करना होगा। यानी डिफिकल्ट, मीडियम या आसान पेपर में से क्या चाहते हैं। इसके बाद प्रश्न पत्र प्रदर्शित होगा।

टाइम होगा निर्धारित

प्रणाली के तहत सॉफ्टवेयर में टाइमर होगा, मतलब सीबीएसई की तरफ से जो समय निर्धारित किया जाएगा, उसी समय पर लॉगइन किया जा सकेगा। एक स्कूल की तरफ से अपने स्तर पर लेवल और सब्जेक्ट सेट करने के बाद पेपर मिल जाएगा तो वह क्वेश्चन पेपर ब्लॉक हो जाएगा। अगर किसी अन्य स्कूल की तरफ से वही लेवल और सब्जेक्ट डाला जाएगा तो पेपर अलग होगा।

सब स्कूलों में अलग पेपर

अभी तक सीबीएसई की तरफ से भेजी गई सीडी से क्वेश्चन पेपर लेते वक्त दो स्कूलों में अलग-अलग डेट पर एग्जाम होने पेपर लीक हो जाता था, स्कूलों को ऑन द स्पॉट नया पेपर सिलेक्ट करना पड़ता था। नई प्रणाली के तहत स्कूलों में अलग-अलग पेपर आएंगे।

सीसीई सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए यह प्रणाली तैयार की गई है, इसका असर स्कूलों के परिणाम पर भी देखने को मिलेगा।

-आरजे खांडे राव, रीजनल डायरेक्टर

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