बेटे के प्रमाण पत्र से जानी जाएगी मां-बाप की उम्र

पानीपत. प्रदेश सरकार ने वृद्ध पेंशन में आयु प्रमाण के लिए एक नई गाइड लाइन तैयार की है। इसमें बुजुर्गो को आयु चिकित्सकों से सत्यापित कराने की आवश्यकता नहीं है। अब यदि किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी संतान चालीस वर्ष की है तो उसे साठ वर्ष का माना जाएगा और उसी हिसाब से उसकी पेंशन बनेगी। भले ही प्रदेश सरकार ने इसे लोगों की सहूलियत को देखते हुए जोड़ा हो, लेकिन बुजुर्गो का मानना है कि यह नियम और ज्यादा परेशानी बढ़ा देगा। इस संबंध में भास्कर ने शहर के बुजुर्गो से बात की।

पेचीदा है नियम

पत्थरगढ़ निवासी जाकिर ने बताया कि नए नियम के अनुसार जिस व्यक्ति के पास आयु का प्रमाण नहीं है, अगर उसकी सबसे बड़ी संतान चालीस वर्ष की हो तो उसे साठ वर्ष का माना जाएगा। लेकिन इसमें त्रुटियां हैं, क्योंकि अगर किसी की उम्र तीस वर्ष की हो और उसे तब पहली संतान की प्राप्ति हो तो उसकी संतान की उम्र चालीस तक होने तक पिता की उम्र सत्तर वर्ष हो जाएगी। क्या इस उम्र में उसे साठ वर्ष का माना जाएगा।

पेंशन देना है तो पहले वाले सिस्टम से दो

थर्मल काबड़ी गांव के बुजुर्गो ने बायोमीट्रिक सिस्टम से परेशान हैं। सोमवार को सभी लोगों ने एकत्रित होकर बीडीपीओ कार्यालय पर प्रदर्शन किया और पेंशन पहले वाले सिस्टम से देने की मांग की। वृद्ध पेंशन के लिए बुजुर्गो को दर-दर भटकना पड़ रहा है। कर्मचारी फिंगर प्रिंट नहीं मिलने की बात कहकर इन लोगों को लौटा देते हैं। इससे परेशान ग्रामीण बड़ी संख्या में बीडीपीओ कार्यालय में एकत्रित हुए और उन्होंने प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पेंशन देना है तो पहले वाले सिस्टम से दो। इन्हीं ने लगवाए थे निशान : बुजुर्ग सरबती, मुंशीराम, प्रेम सिंह, बाला देवी, राममेहर, कपूरी राम आदि ने बताया कि पेंशन लेने जाते हैं तो वो कहते हैं कि तुम्हारे फिंगर प्रिंट नहीं मिल रहे। उन्होंने कहा कि यह समझ नहीं आता कि जब इन लोगों ने ही हमारे फिंगर प्रिंट लिए थे तो अब क्यों नहीं मिल रहे। उन्होंने बताया कि इस समस्या के कारण हमें यहां वहां चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

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