रायपुर . राज्य सरकार ने हड़ताली शिक्षाकर्मियों के खिलाफ शुक्रवार को कड़ा रुख अख्तियार कर लिया। सभी कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और सीईओ जनपद पंचायत को स्कूल से गायब शिक्षाकर्मियों पर सीधी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही कहा है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई की सूचना तत्काल राज्य शासन को दी जाए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जारी परिपत्र में कहा गया है कि पंचायत विभाग के अधीन काम कर रहे शिक्षाकर्मियों की स्कूल से अनुपस्थिति काफी गंभीर है। अनधिकृत रूप
से स्कूल से गायब कर्मियों पर छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने गुरुवार को ही शिक्षाकर्मियों का पद नाम बदलने, क्रमोन्नति वेतनमान, 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता, अंशदायी पेंशन और फैमिली प्लानिंग पर लाभ देने का आदेश जारी किया था। इसके बाद भी वे अड़े हुए हैं।
एस्मा भी लगाया
शिक्षाकर्मियों की हड़ताल को तोड़ने के लिए राज्य शासन ने एस्मा (छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिóता निवारण अधिनियम 1979) भी लगा दिया है। गृह विभाग के आदेश के अनुसार शिक्षाकर्मियों की सेवा पंचायतों और नगरीय निकायों के स्कूलों में आवश्यक सेवा घोषित कर दी गई है। इसका उल्लंघन करने वाले पर सीधी कार्रवाई की जाएगी। उधर, छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ ने एस्मा का कड़ा विरोध किया है।
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