अब गुरुजी की कृपा से भी ‘पप्पू’ नहीं होगा पास


नई दिल्ली समग्र सतत मूल्यांकन (सीसीई) के तहत नौवीं में गुरुजनों की मेहरबानी के बूते पप्पू का पास होना अब सम्भव नहीं होगा है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं के साथ-साथ अब नौवीं कक्षा के बच्चों के मूल्याकंन का सत्यापन भी खुद करने का फैसला किया है। एविडेंस ऑफ एसेसमेंट (ईएएस) के सत्यापन को नौवीं में लागू करने के साथ ही छात्रों को सीसीई सर्टिफिकेट भी इस सत्यापन प्रक्रिया के बाद ही जारी होगा।


गौरतलब है कि सीबीएसई ने बीते साल दसवीं कक्षा में ईएएस की सत्यापन प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में स्कूलों की ओर से शिक्षकों को मिलने वाले ग्रेड का बोर्ड के विशेषज्ञ वेरिफिकेशन करते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मूल्याकंन प्रक्रिया में किसी भी तरह की गलती की संभावना को खत्म करना है। इसी उद्देश्य से अब बोर्ड ने स्कूलों से दसवीं के साथ-साथ नौवीं कक्षा के भी फॉर्मेटिव एसेसमेंट-१, २, ३ व ४ व समेटिव मूल्यांकन -१ व २ के ऐविडेंस भेजने को कहा है। इसके माध्यम से बोर्ड जानना चाहता है कि समेटिव व फॉर्मेटिव मूल्यांकन की प्रक्रिया सही रूप से अंजाम दी गई है या नहीं।


सीबीएसई ने स्कूलांे को साफ किया है कि सीसीई के तहत मूल्याकंन ध्यान से किया जाए। स्कूलों को एफए-१ व २ व एसए-१ का ब्योरा ३क् नवम्बर 2011 तक व एफए-३ व ४ और एसए-२ का ब्योरा २क् अप्रैल 2012 तक भेजना होगा। बोर्ड की ओर से इस व्यवस्था की जानकारी के साथ स्कूलों को एक प्रारूप भी भेजा जा रहा है, जिसके मुताबिक ही उन्हें मांगी गई जानकारी भेजनी होगी।

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