चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शनिवार व रविवार को होने वाली हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा में आरक्षित वर्ग के छात्रों को पास अंक में छूट देने के लिए प्रदेश सरकार को सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा है। शुक्रवार को छात्रों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया। याचिका में हाईकोर्ट से शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के छात्रों को पास अंक में छूट न देने के सरकार के फैसले को बदलने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील महेंद्र सिंह चहल ने अदालत को बताया कि इससे पहले भी 2008-09 में पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था। उसमें आरक्षित श्रेणी के छात्रों को 45 प्रतिशत अंक व सामान्य वर्ग के छात्रों को 50 प्रतिशत अंक लेने के बाद योग्य घोषित किया गया था। कोर्ट को बताया गया कि इस परीक्षा में पास होने के लिए 60 प्रतिशत अंक लेना अनिवार्य किया गया है लेकिन आरक्षित वर्ग के लिए किसी भी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है। चहल ने कोर्ट को अनुच्छेद 335 व 46 का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत सरकार को कहा गया है कि कमजोर व पिछड़े वर्ग के लिए विशेष रियायत दे। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार नियम का खुलेआम उल्लंघन कर रही है। चहल ने कोर्ट से मांग कि की जब तक सरकार इस परीक्षा के नियम में बदलाव नहीं करती तब तक परीक्षा पर रोक लगाई जानी चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह सरकार का नीतिगत मामला है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया कि पहले वह इसे सरकार को प्रस्तुति दे। अदालत ने सरकार से कहा कि वह याचिकाकर्ता की प्रस्तुति पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर फैसला ले।
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