चंडीगढ़. हरियाणा सरकार में नौकरी के लिए आवेदन में अब एक्स सर्विस मैन के आश्रितों में शादीशुदा बेटियां भी शामिल होंगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की इस संबंध में पॉलिसी को खारिज करते हुए कहा कि जीविका का साधन न होने पर शादीशुदा लड़कियां भी अपने पिता के एक्स सर्विस मैन आश्रितों में शामिल होंगी।
पुराने नियमों के तहत रोजगार का साधन न होने वाले लड़कों को ही अपने पिता के एक्स सर्विस मैन आश्रित होने का लाभ दिया जा रहा था। जय नारायण जाखड़ की तरफ से दाखिल याचिका में हरियाणा सरकार की 11 अक्टूबर 2001 की पॉलिसी को खारिज करने की मांग की गई थी जिसमें जिला सैनिक बोर्ड की तरफ से एक्स सर्विस मैन आश्रितों के लिए प्रमाण पत्र महज शादीशुदा लड़कों को ही जीविका का साधन न होने पर जारी किया जा रहा था।
याचिका में कहा गया कि शादीशुदा होने के बाद यदि लड़की की जीविका का कोई स्वतंत्र साधन नहीं है तो उसे इस लाभ से कैसे वंचित किया जा सकता है। जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस आरएन रैना की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि महज लड़की होने पर यह भेदभाव नहीं किया जा सकता। यदि जीविका का साधन नहीं है तो फिर लड़का अथवा लड़की होने के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। अदालत ने इस पर पॉलिसी के इस क्लॉज को असंवैधानिक बताते हुए इसे खारिज करने के निर्देश दिए हैं।
पंजाब में भी बेटियों को राहत नहीं
पंजाब सरकार में भी नौकरी के लिए आवेदन में एक्स सर्विस मैन के आश्रितों में शादीशुदा लड़कियों को पिता पर आश्रित नहीं माना जा रहा। कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह बाहट ने कहा कि हरियाणा की तरह की पंजाब में भी एक्स सर्विस मैन के आश्रितों में शादीशुदा लड़कियां शामिल नहीं हैं। केवल शादीशुदा लड़कों को ही जीविका का साधन न होने पर एक्स सर्विस मैन का आश्रित माना जा रहा है।
पुराने नियमों के तहत रोजगार का साधन न होने वाले लड़कों को ही अपने पिता के एक्स सर्विस मैन आश्रित होने का लाभ दिया जा रहा था। जय नारायण जाखड़ की तरफ से दाखिल याचिका में हरियाणा सरकार की 11 अक्टूबर 2001 की पॉलिसी को खारिज करने की मांग की गई थी जिसमें जिला सैनिक बोर्ड की तरफ से एक्स सर्विस मैन आश्रितों के लिए प्रमाण पत्र महज शादीशुदा लड़कों को ही जीविका का साधन न होने पर जारी किया जा रहा था।
याचिका में कहा गया कि शादीशुदा होने के बाद यदि लड़की की जीविका का कोई स्वतंत्र साधन नहीं है तो उसे इस लाभ से कैसे वंचित किया जा सकता है। जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस आरएन रैना की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि महज लड़की होने पर यह भेदभाव नहीं किया जा सकता। यदि जीविका का साधन नहीं है तो फिर लड़का अथवा लड़की होने के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। अदालत ने इस पर पॉलिसी के इस क्लॉज को असंवैधानिक बताते हुए इसे खारिज करने के निर्देश दिए हैं।
पंजाब में भी बेटियों को राहत नहीं
पंजाब सरकार में भी नौकरी के लिए आवेदन में एक्स सर्विस मैन के आश्रितों में शादीशुदा लड़कियों को पिता पर आश्रित नहीं माना जा रहा। कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह बाहट ने कहा कि हरियाणा की तरह की पंजाब में भी एक्स सर्विस मैन के आश्रितों में शादीशुदा लड़कियां शामिल नहीं हैं। केवल शादीशुदा लड़कों को ही जीविका का साधन न होने पर एक्स सर्विस मैन का आश्रित माना जा रहा है।
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