यमुनानगर
न कोई इश्तेहार निकाला और न ही की मुनियादी। कोई लिखित आदेश नहीं, फिर भी गुपचुप तरीके से दे दी गई नियुक्ति। इतना ही नहीं नियुक्ति पत्र पर कमेटी सदस्यों के हस्ताक्षर तक नहीं कराए गए। ऐसा कारनामा किया है शिक्षा विभाग ने, जहां पिछले दरवाजे से जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक आदेश पर ही गेस्ट टीचर रख लिया गया।
गेस्ट अध्यापकों की नियुक्ति में किस तरह नियमों को ताक पर रखकर अपनों को उपकृत किया गया, इसकी परतें धीरे-धीरे उखड़ने लगी हैं। हथियार बना है सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम। अधिकारियों ने अपने चहेतों को इस तरह उपकृत किया कि किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई। लेकिन यह खेल अधिक दिन छुपा नहीं रह सका।
मुमीदी गांव निवासी प्रदीप कुमार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मंडौली में गेस्ट टीचर (हिंदी) के तौर पर नियुक्ति दी गई। लेकिन इसके लिए न तो विभाग की ओर से और न ही स्कूल की ओर से कोई वैकेंसी निकाली गई। आरटीआइ के जरिये हासिल जानकारी में नियुक्ति देने वाले तत्कालीन प्रिंसिपल जसपाल सिंह ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक आदेश पर नियुक्ति की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि उनके कार्यालय में मात्र एक ही आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था और उसे नियुक्ति दे दी गई।
मंडौली स्कूल के वर्तमान प्रिंसिपल की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि हिंदी अध्यापक के उक्त रिक्त पद के लिए न तो कोई मुनियादी करवाई गई और न ही इश्तेहार लगवाया गया। प्रदीप के नियुक्ति पत्र पर कमेटी सदस्यों के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। विद्यालय रिकार्ड के अनुसार तत्कालीन प्रिंसिपल ने डीईओ के मौखिक आदेश पर गेस्ट टीचर को नियुक्ति दी थी।
नियुक्ति के लिए मिनिमम पीरियड के नियम का पालन भी नहीं किया गया। कक्षा छठी से 10वीं तक हिंदी और संस्कृत के कुल 91 पीरियड बनते थे जबकि स्कूल में संस्कृत शिक्षक के अलावा हिंदी का एक स्थायी शिक्षक पहले से कार्यरत थे। इन दोनों के 72 (36 जमा 36) पीरियड निकालने के बाद 19 पीरियड ही बचते थे, जिनके लिए नियमानुसार गेस्ट टीचर की नियुक्ति नहीं की जा सकती।
बिना कमेटी नहीं होती नियुक्ति : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत कौर ने बताया कि बिना कमेटी गठित किए गेस्ट टीचर की नियुक्ति नहीं की जा सकती। इसके लिए स्कूल के नोटिस बोर्ड पर रिक्त पदों का नोटिस लगाना भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि कोई डीईओ नियुक्ति के लिए मौखिक आदेश जारी नहीं करता। साथ ही हिंदी विषय के 32 पीरियड या अधिक पीरियड रिक्त होने पर ही गेस्ट टीचर की नियुक्ति की जा सकती है। अन्य विषयों के शिक्षकों के लिए कम से कम 28 पीरियड रिक्त होने चाहिएं।
न कोई इश्तेहार निकाला और न ही की मुनियादी। कोई लिखित आदेश नहीं, फिर भी गुपचुप तरीके से दे दी गई नियुक्ति। इतना ही नहीं नियुक्ति पत्र पर कमेटी सदस्यों के हस्ताक्षर तक नहीं कराए गए। ऐसा कारनामा किया है शिक्षा विभाग ने, जहां पिछले दरवाजे से जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक आदेश पर ही गेस्ट टीचर रख लिया गया।
गेस्ट अध्यापकों की नियुक्ति में किस तरह नियमों को ताक पर रखकर अपनों को उपकृत किया गया, इसकी परतें धीरे-धीरे उखड़ने लगी हैं। हथियार बना है सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम। अधिकारियों ने अपने चहेतों को इस तरह उपकृत किया कि किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई। लेकिन यह खेल अधिक दिन छुपा नहीं रह सका।
मुमीदी गांव निवासी प्रदीप कुमार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, मंडौली में गेस्ट टीचर (हिंदी) के तौर पर नियुक्ति दी गई। लेकिन इसके लिए न तो विभाग की ओर से और न ही स्कूल की ओर से कोई वैकेंसी निकाली गई। आरटीआइ के जरिये हासिल जानकारी में नियुक्ति देने वाले तत्कालीन प्रिंसिपल जसपाल सिंह ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक आदेश पर नियुक्ति की गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि उनके कार्यालय में मात्र एक ही आवेदन पत्र प्राप्त हुआ था और उसे नियुक्ति दे दी गई।
मंडौली स्कूल के वर्तमान प्रिंसिपल की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि हिंदी अध्यापक के उक्त रिक्त पद के लिए न तो कोई मुनियादी करवाई गई और न ही इश्तेहार लगवाया गया। प्रदीप के नियुक्ति पत्र पर कमेटी सदस्यों के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। विद्यालय रिकार्ड के अनुसार तत्कालीन प्रिंसिपल ने डीईओ के मौखिक आदेश पर गेस्ट टीचर को नियुक्ति दी थी।
नियुक्ति के लिए मिनिमम पीरियड के नियम का पालन भी नहीं किया गया। कक्षा छठी से 10वीं तक हिंदी और संस्कृत के कुल 91 पीरियड बनते थे जबकि स्कूल में संस्कृत शिक्षक के अलावा हिंदी का एक स्थायी शिक्षक पहले से कार्यरत थे। इन दोनों के 72 (36 जमा 36) पीरियड निकालने के बाद 19 पीरियड ही बचते थे, जिनके लिए नियमानुसार गेस्ट टीचर की नियुक्ति नहीं की जा सकती।
बिना कमेटी नहीं होती नियुक्ति : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत कौर ने बताया कि बिना कमेटी गठित किए गेस्ट टीचर की नियुक्ति नहीं की जा सकती। इसके लिए स्कूल के नोटिस बोर्ड पर रिक्त पदों का नोटिस लगाना भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि कोई डीईओ नियुक्ति के लिए मौखिक आदेश जारी नहीं करता। साथ ही हिंदी विषय के 32 पीरियड या अधिक पीरियड रिक्त होने पर ही गेस्ट टीचर की नियुक्ति की जा सकती है। अन्य विषयों के शिक्षकों के लिए कम से कम 28 पीरियड रिक्त होने चाहिएं।
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