अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के दौरान लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध था। इसका परिणाम दस साल बाद सामने आ रहा है। तालिबान के सत्ता से हटाए जाने के दस साल बाद भी अफगानिस्तान में महिला शिक्षिकों की संख्या न के बराबर है। यहां के बामियान प्रांत में करीब चार हजार शिक्षकों में से महज पांच सौ महिला शिक्षिकाएं हैं। महिला शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 12 स्कूलों से 240 लड़कियों को सेव द चिल्ड्रन योजना के तहत विशेष प्रशिक्षण देने के लिए चयनित किया गया है। अगले साल मार्च में उनका प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें बच्चों को पढ़ाने, हाजिरी लेने जैसे सबक सिखाए जा रहे हैं। यह लड़कियां प्रशिक्षण के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखे हुए हैं। पिछले एक दशक में अफगानिस्तान में स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या शून्य से करीब 25 लाख पहुंच गई है। बामियान में सेव द चिल्ड्रन एजुकेशन के समन्वयक मेराज हुसैन के मुताबिक इस अभियान को विभिन्न समुदायों का भी समर्थन मिल रहा है। उन्होंने बताया, इस प्रांत में अधिकतर स्कूलों में महिला शिक्षकों की कमी है। इसलिए मां बाप अपनी बेटियों को छठी कक्षा के बाद स्कूलों में नहीं भेजते हैं क्योंकि वहां पुरुष शिक्षक होते हैं। उनके मुताबिक इस परियोजना के मार्च 2012 में पूरे हो जाने के बाद शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षित लड़कियों को शिक्षिका के पद पर नियुक्त करने का वायदा किया है।
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खराब परीक्षा परिणाम पर भड़के ग्रामीण
फतेहाबाद, जागरण संवाद केंद्र : गांव भडोलावाली के राजकीय उच्च विद्यालय की दसवीं कक्षा के प्रथम समेस्टर का परीक्षा परिणाम खराब आने से भड़के ग्रामीणों ने मंगलवार को स्कूल पर ताला जड़ दिया। अधिकारियों द्वारा दो शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के आदेश देने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए। उल्लेखनीय है कि विद्यालय में पढ़ रहे दसवीं कक्षा के 46 विद्यार्थियों में से मात्र 10 ही पास हो पाए हैं। शेष 36 विद्यार्थियों का परिणाम री-अपीयर रहा है। परीक्षा परिणाम खराब आने पर भड़के ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया। इस संबंध में सूचना मिलने पर एसडीएम बलजीत सिंह और शिक्षा विभाग की जिला परियोजना संयोजक बिमला मिगलानी, बीईओ भागीरथ पवार आदि मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाकर स्कूल के गेट पर लगा ताला खुलवाया। डीपीसी बिमला मिगलानी ने बताया कि स्कूल में तैनात गणित, विज्ञान व पंजाबी विषय के शिक्षकों के प्रति ग्रामीणों में रोष था। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने शिक्षकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि तीनों शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते और आपस में झगड़ते रहते हैं। इस कारण पिछले लंबे समय से स्कूल में पढ़ाई का माहौल नहीं बन पा रहा। इसी कारण विद्यालय का परीक्षा परिणाम खराब आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तीनों शिक्षक खराब परीक्षा परिणाम के जिम्मेदार हैं। ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे एसडीएम व डीपीसी से मांग की कि तीनों शिक्षकों को कहीं ओर भेजा जाए। ग्रामीणों को शांत करने के लिए मौके पर ही डीपीसी ने दो शिक्षकों को दूसरे स्थान पर प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश दिया। गणित शिक्षक बलवंत को बनगांव व पंजाबी विषय के शिक्षक जसबीर सिंह को नागपुर में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। डीपीसी ने बताया कि विज्ञान विषय के शिक्षक रघुवीर सिंह के पास विद्यालय की डीडी पावर है। इस कारण मौके पर उनकी प्रतिनियुक्ति नहीं की गई। उच्च अधिकारियों से बात कर विज्ञान शिक्षक को भी प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा।
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