हिसार, जागरण संवाददाता : जिले में पड़ रही कड़ाके की सर्दी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी मित्रसेन मल्होत्रा ने बताया कि जिले में बुधवार से स्कूल सुबह 9 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक चलेगा। पहले स्कूलों का समय सुबह 8 बजे से 2.30 बजे तक था। उन्होंने बताया कि यह समय 31 दिसंबर तक ही लागू होगा इसके बाद मौसम के अनुसार समय में परिवर्तन किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि स्कूल का समय बदलवाने के लिए शिक्षक संगठन, अभिभावक व अन्य कई बार उपायुक्त व जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंप चुके हैं।
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विभाग एक, आरटीआइ फीस अलग-अलग
ऋषि कुमार, सोनीपत एक ओर जहां देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजार का आंदोलन चल रहा है, वहीं दूसरी ओर से सोनीपत के लोकनिर्माण विभाग के एक व दो डिवीजन में आरटीआइ कानून को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। दोनों ही कार्यालय में लगे सूचना पट्ट पर दर्शाई गई फीस अलग-अलग है। इससे यह समझना कठिन है कि कौन सी फीस गलत है व कौन सा सही। दरअसल इस तरह के आंकड़ों से निश्चित तौर पर आरटीआइ मांगने वाले लोगों को असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। जहां तक नियमों की बात करें तो जन सूचना अधिकार 2005 एक्ट में किसी भी सूचना का आवेदन करने पर आवेदनकर्ता को 50 रुपये फीस अदा करनी होती है। इसके अलावा फ्लोपी व सीडी लेने की फीस 50 रुपये ली जाती है। वहीं अगर संबंधित सूचना ए 4 या ए 3 आकार के पेज में दिया जाता है तो उसके लिए प्रति पेज 2 रुपये के दर से देने पड़ते हैं। इसी तरह मुद्रित रिपोर्ट के लिए दस रुपये प्रति पेज तथा रिकार्ड, निरीक्षण के पहला घंटा निशुल्क तत्पश्चात हर 15 मिनट के लिए दस रुपये देने होते हैं। इन सबसे अलग लोक निर्माण विभाग के डिविजन नंबर-1 व 2 के अफसरों ने अपनी मर्जी के जन सूचना लेने संबंधी बोर्ड अपने-अपने कार्यालय के समीप लगा रखे हैं। क्या है बोर्ड में गड़बड़ी? लोक निर्माण विभाग के डिविजन नंबर-1 का बोर्ड: विभाग के जन सूचना अधिकार बोर्ड में दरखास्त फीस को पचास रुपये के बदले दस रुपये प्रिंट कर रखा है। लोक निर्माण विभाग के डिविजन नंबर-2 का बोर्ड: विभाग के जन सूचना अधिकार बोर्ड में प्रति पेज सूचना लेने की फीस दो रुपये के बजाय दस रुपये प्रिंट कर रखा है। अफसरों ने की है भूल:गर्ग विभाग के अधीक्षण अभियंता आरके गर्ग ने बताया कि सूचना अधिकार 2005 के तहत पचास रुपये आवेदन व प्रति पेज 2 रुपये की वसूली का दर निर्धारित है। अगर लोक निर्माण विभाग के दफ्तर में इससे अलग दर निर्धारण का उल्लेख है तो यह निश्चित तौर पर भूल है। इस तरह की लापरवाही से आरटीआइ कार्यकर्ता को दिक्कत होना लाजिमी है। वे इस बारे में संबंधित विभागीय अधिकारी को सूचित करेंगे।
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