कैथल, नरेश पंवार : शिक्षा विभाग के अध्यापक अब जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की डुगडुगी बनकर रह गए हैं। अध्यापकों को यह समझ नहीं आ रहा है कि वे आखिर किसके आदेश मानें। एक ओर जहां शिक्षा विभाग अध्यापकों को स्कूल समय में बच्चों को शिक्षा देने की बात कह रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन 31 दिसंबर तक जनसंख्या पूर्ण करने के लिए कह रहा है। यदि अध्यापक जनगणना करने के लिए जाएं तो जिला शिक्षा अधिकारी का भय और यदि स्कूल में पढ़ाएं तो जनगणना कैसे होगी। नाम न छापने की शर्त पर एक अध्यापक ने बताया कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के विरोधाभासी आदेशों के कारण वे कहीं के नहीं रहे हैं। जनगणना कार्य में जाएं तो एक ओर जहां बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है तो वहीं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की जांच का
भय बना रहता है। यदि स्कूल समय तीन बजे के बाद दूर के स्थानों पर जनगणना के लिए जाएं तो जाते-जाते करीब 5 बज जाते हैं। दिन छोटे होने के कारण 6 बजे अंधेरा हो जाता है। ऐसे में एक घंटे में किस कदर जनगणना पूरी हो सकती है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
दूसरी ओर अध्यापक इस समस्या बारे शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं लेकिन सभी अपने-अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए कह रहे हैं।
स्कूल के बाद कर रहे हैं जनगणना : दर्शना
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दर्शना ने बताया कि विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार शिक्षा के अधिकार नियम के तहत अध्यापक के लिए बच्चे पहले हैं जनगणना बाद में। अध्यापक स्कूल समय के बाद ही जनगणना में जा रहे हैं।
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जनगणना भी जरूरी : डीडीपीओ
डीडीपीओ राजेश खौत ने बताया कि अध्यापकों के लिए बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ जाति जनगणना भी जरूरी है। अध्यापकों को सामंजस्य बिठाकर काम चलाना होगा।
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http://www.bhaskar.com/article/HAR-OTH-government-can-give-the-gift-of-the-year-2681180.htmlभय बना रहता है। यदि स्कूल समय तीन बजे के बाद दूर के स्थानों पर जनगणना के लिए जाएं तो जाते-जाते करीब 5 बज जाते हैं। दिन छोटे होने के कारण 6 बजे अंधेरा हो जाता है। ऐसे में एक घंटे में किस कदर जनगणना पूरी हो सकती है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
दूसरी ओर अध्यापक इस समस्या बारे शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं लेकिन सभी अपने-अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए कह रहे हैं।
स्कूल के बाद कर रहे हैं जनगणना : दर्शना
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दर्शना ने बताया कि विभाग के उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार शिक्षा के अधिकार नियम के तहत अध्यापक के लिए बच्चे पहले हैं जनगणना बाद में। अध्यापक स्कूल समय के बाद ही जनगणना में जा रहे हैं।
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जनगणना भी जरूरी : डीडीपीओ
डीडीपीओ राजेश खौत ने बताया कि अध्यापकों के लिए बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ जाति जनगणना भी जरूरी है। अध्यापकों को सामंजस्य बिठाकर काम चलाना होगा।
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