शिक्षा विभाग द्वारा 31 दिसम्बर को गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर अवकाश की घोषणा के बावजूद अनेक सरकारी स्कूल खुले रहे। हालांकि अभिभावक व राजकीय प्राथमिक संगठन स्कूलों में जनवरी माह के दौरान कड़ाके की ठंड को देखते हुए अवकाश घोषित किए जाने की मांग उठा रहे हैं। हुआ यूं कि हरियाणा स्कूली शिक्षा निदेशालय ने 5 जनवरी के अवकाश को 31 दिसम्बर के गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर रखे जाने के आदेश जारी कर दिए। मगर शिक्षा विभाग के अधिकारियों में सामंजस्य की कमी के कारण यह सूचना सभी स्कूलों में नहीं पहुंच पाई। हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि प्रत्येक स्कूल को शनिवार को अवकाश घोषित करने की सख्त हिदायतें जारी कर दी गई थी। मगर इसके बावजूद कई स्कूल खुले रहे। शहर के 3 नम्बर सरकारी स्कूल में ठिठुरती ठंड में बच्चे स्कूल पहुंचे। लगातार बढ़ रही ठंड और ठिठुरन बढ़ने के कारण राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान जंगबीर कासनिया ने शिक्षा निदेशालय से प्राइमरी स्तर तक के बच्चों की आगामी दस दिनों तक अवकाश घोषित करने की मांग की है। उन्होंने निदेशालय से मांग उठाई है कि जिला प्रशासन स्कूलों में छोटे बच्चों की मजबूरी को ध्यान में रखते हुए अवकाश घोषित करवाए। इस बारे में भिवानी खंड के कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी रमेश बूरा का कहना है कि सभी एबीआरसी व प्रशिक्षण कैंप में भाग लेने पहुंचे अध्यापकों को शनिवार को अवकाश संबंधी आदेशों से अवगत करवाया गया था। इसके अलावा सभी स्कूलों में अवकाश की सूचना निश्चित तौर पर भेजी गई थी, मगर इसके बावजूद भी कोई स्कूल खुला रहा तो यह समन्वयक के अभाव के कारण ही हुआ है।
अवकाश के बावजूद लगे स्कूल
तोशाम, संवाद सहयोगी : शनिवार को प्रदेश द्वारा सरकारी अवकाश घोषित किए जाने के बावजूद तोशाम व कुरू क्षेत्र में अधिकतर निजी विद्यालय संचालकों ने सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए आम दिनों की तरह कक्षाएं लगाई। गौरतलब होगा कि शनिवार को प्रदेश सरकार ने गुरु गोबिंद सिंह जयंती के उपलक्ष्य में सरकारी अवकाश घोषित किया हुआ है। सरकार के आदेशानुसार सभी सरकारी संस्थाओं में तो अवकाश रहा लेकिन निजी विद्यालय संचालकों पर आदेशों का कोई असर नहीं दिखा और कड़ाके की ठड के बावजूद निजी विद्यालयों आम दिनों की तरह ही कक्षाएं लगी। जिसका खामियाजा विशेष रूप से नौनिहालों को भुगतना पड़ा।
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243 प्राथमिक शिक्षकों को स्थायीकरण का तोहफा
जींद, जासंकें : जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा 243 प्राथमिक शिक्षकों की दूसरी स्थायीकरण सूची जारी कर दी गई है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान राजेश सिंगरोहा ने बताया कि 21 वर्षो से बंद पड़ी स्थायीकरण सूची को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के कारण जिले के प्राथमिक शिक्षकों को यह लाभ मिल पाया है। संघ ने विगत कई माह पहले एसीपी मामले, वरिष्ठता सूची, स्थायीकरण आदि मुद्दे लेकर क्रमिक अनशन की शुरूआत की। इसके कारण यह काम हुआ। इस की जानकारी देते हुए जिला प्रेस सचिव सुनील आर्य ने बताया कि संघ हमेशा प्राथमिक शिक्षकों की लड़ाई लड़ता रहा और आगे जारी रखेगा। संघ के प्रयास से आज प्रदेश के जिला परिषद तहत नियुक्त 6588 अध्यापकों की
योग्यता को उनकी सेवा में शामिल करवाने का काम कराया। इस अवसर पर राज्य सचिव वीरेंद्र रोहिला ने कहा कि जल्द ही संगठन 16290 वेतन की मांग को लेकर न्यायालय में तथा आंदोलन के माध्यम से निर्णायक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर चुका है, क्योंकि दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब में ये लाभ शिक्षकों को मिल चुका है।इस अवसर पर प्रवीण यादव ने बताया कि संगठन एलटीसी व पदोन्नति आदि मामलों को लेकर राज्य स्तरीय आंदोलन की घोषणा करेगा। इस अवसर पर दिनेश भनवाला, धर्मबीर सिंह, राजेश शर्मा, विजय कौशिक, अनिल लोहान, कृष्ण कंसल, लाभ सिंह आदि मौजूद थे।
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नहीं करेंगे कोई गैर शिक्षण कार्य
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ व कर्मचारी महा संघ से जुडे़ अध्यापकों ने प्रदेश सरकार द्वारा उनसे लिए जा रहे गैर शिक्षण कार्य के विरोध स्वरूप शनिवार को एसडीएम परिसर में जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की।
सुखदेव राज, राजेश बख्शी, सतनाम सिंह, अश्वनी सैनी, भारत भूषण सैनी, अशोक कुमार, हमीर सिंह,अजय वालिया आदि शिक्षक नेताओं का कहना था कि सरकार उनसे पहले से ही जनगणना व बीएलओ का कार्य ले रही थी। इस कार्य को कर रहे शिक्षकों को पहले तो सरकार ने वोट बनाने में लापरवाही बरतने व ईमानदारी से वोट बनाने की ड्यूटी न करने पर नोटिस थमाने की भी कोशिश की थी। लेकिन, शनिवार को अचानक ही इन अध्यापकों को आनन फानन में सूचना देकर मिनी सचिवालय में बुला लिया गया जहा पर उन्हे स्मार्ट कार्ड धारक कार्ड बनाने का भी जिम्मा सौंप दिया गया। शिक्षक नेताओं के अनुसार अभी जनगणना का काम पूरा भी नहीं हुआ था कि उन्हें स्मार्ट कार्ड बनाने की जिम्मेवारी सौंप कर उनका शोषण कर रही है। अध्यापकों पर हो रहे इस शोषण का हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने इसका कड़ा विरोध करते हुए शनिवार को एसडीएम परिसर में किए गए प्रदर्शन के उपरात उन्होंने निर्णय लिया की जब तक उन्हे निदेशक के आर्डर नहीं मिल जाते तब तक वे कोई गैरशिक्षण कार्य नहीं करेंगे। अध्यापक नेताओं ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले शिक्षा निदेशालय ने सभी गैर शैक्षणिक कार्य को तुरंत प्रभाव से छोड़ देने का सभी शिक्षकों को आदेश दिया था।
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