खंड बिलासपुर के अतिथि अध्यापकों की एक बैठक सरस्वती माडल स्कूल बिलासपुर में हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ की प्रदेश महासचिव सोनिया गिल की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ऐसी कोई नीति बनाए, जिससे अतिथि अध्यापकों को भी नियमित किया जा सके।इस मौके पर जगाधरी ब्लाक प्रधान जीत सिंह, छछरौली प्रधान रमन शर्मा, रादौर प्रधान आज्ञा राम, साढौरा प्रधान जगवंत, रमेश कुमार, मुस्तफाबाद प्रधान महेश गर्ग, रजनीश, विनय, अरूणा सहित सैकड़ों अतिथि अध्यापकों ने बैठक में भाग लिया।
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Jan 04, 08:11 pm
टोहाना, संवाद सहयोगी : टोहाना प्राईवेट स्कूल संघ की एक बैठक का आयोजन शाखा प्रधान रणधीर पूनिया की अध्यक्षता में दुर्गा माध्यमिक विद्यालय में किया गया। बैठक में 7 जनवरी से लेकर 15 जनवरी तक अवकाश करने का निर्णय लिया गया। शाखा प्रधान रणधीर पूनिया ने कहा कि भारी धुंध के चलते स्कूली बच्चों की छुट्टिया की गई है जो नगर के सभी स्कूलों में लागू होंगी। उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त के आदेशानुसार संघ के सभी स्कूल प्रात: दस बजे से 3:30 तक लगाए जाएंगे। बैठक में नीरू सैनी, मधु शर्मा, विनय वर्मा, मीनू बागा, संतोष जिंदल, अनिता महता, भजन कम्बोज, सुभाष भुटानी, महाबीर सैनी, बलजीत सैनी, कुलबिंद्र कौर, सतपाल सिंगला, प्रदीप मडिया, माला उपाध्याय के अलावा अनेक स्कूल संचालक उपस्थित थे।
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Jan 04, 08:25 pm
पंचकूला, जागरण टीम : बुधवार सुबह पंचकूला शहर के लोगों को जबरदस्त धुंध से दो-चार होना पड़ा। शाम तक छाई रही धुंध के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-73 एवं 22 के अलावा शहर की अन्य सड़कों पर यातायात प्रभावित रहा। वहीं बरवाला में भी धुंध का खासा असर दिखाई दिया। धुंध के कारण बरवाला के पास दो वाहन आपस में टकरा गए। पंचकूला में सर्दी बढ़ने से सभी सरकारी स्कूलों में सात से 16 जनवरी तक छुट्टिया दी जाएंगी। प्राइवेट स्कूलों में बुधवार से ही छुट्टिया दे दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी नलिनी मिमानी ने बताया कि कोहरे के कारण प्राइवेट स्कूलों में तो छुट्टिया पड़ गई है। सात से 16 जनवरी तक सभी सरकारी स्कूलों में छुट्टिया दे दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल स्कूल नौ बजे से साढ़े तीन बजे स्कूल लग रहे है। उन्होंने सभी स्कूलों के संचालकों को
ठड में सावधानी बरतने के आदेश दिए है।वहीं घने कोहरे के कारण पुलिस ने भी हिदायतें जारी कर दी है। पुलिस
महानिदेशक आरएस दलाल ने कहा है कि सभी लोगों को चाहिए कि वे अपनी-अपनी गाडि़यों में विशेष तौर पर पीछे की ओर रिफ्लेक्टर लगवाना सुनिश्चित करे। यात्रा के दौरान गाडि़यों के इंडिकेटर को चालू रखें, ताकी पीछे से आने वाली गाडियों को उनके बारे में पता चल सके। गाड़ी चलाते समय सड़क के दोनों किनारों और बीच में बनी सफेद पट्टी का ध्यान रखते हुए और आगे चल रहे वाहन के पीछे-पीछे चलते रहे। ओवरटेक तो बिल्कुल न करें। उन्होंने कहा है कि यदि कोई वाहन चलते-चलते अचानक खराब हो गया है, तो उसे धकेल कर सड़क के किनारे न केवल खड़ा कर दें, बल्कि उसके आगे व पीछे के सभी इंडिकेटर भी चालू रखें। पुलिस ने अपील की है कि कोहरे या धुंध के दौरान गाड़ी चलाते समय डिपर का लगातार इस्तेमाल करते रहे और जल्दबाजी तो बिल्कुल न करें।
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Jan 03, 08:25 pm
रेवाड़ी, जागरण संवाद केंद्र : अंबाला जिले में सोमवार को सड़क हादसे में हुई 11 स्कूली बच्चों की मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। हादसे में उजागर हुई लापरवाही के बाद जिला प्रशासन की नींद भी टूटती नजर आ रही है। अब तक इस तरह के मामलों में पूरी तरह सुस्त रहने वाले जिला प्रशासन ने अब ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जो नियमों को ताक पर रखकर स्कूल बसों को दौड़ा रहे है। उपायुक्त सीजी रजनी काथन ने जहा बतौर जिलाधीश धारा 144 के तहत जरूरी आदेश जारी किये, वहीं रेवाड़ी जिले की कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक डा. राजश्री ने भी सभी स्कूल संचालकों की बैठक बुलाकर जरूरी हिदायत दी।
देखना यह है कि प्रशासनिक आदेशों पर किस हद तक अमल हो पाता है, क्योंकि अतीत में इस तरह के मामले में कुछ बेहतर अनुभव नहीं रहे है। क्षमता से चार-चार गुणा अधिक सवारिया बिठाना आम है। तिपहिया टैपो हो या फिर सड़कों पर बेखौफ दौड़ने वाली जीपें, हर जगह यही हालत नजर आती है। हालाकि मंगलवार को प्रशासन के सख्त तेवरों के कारण क्षमता से अधिक सवारिया ढोने वालों पर कुछ अंकुश नजर आया, लेकिन यह स्थिति कितने दिन तक रहेगी, यह कहना अभी जल्दबाजी होगा।
यह किसी से छुपा हुआ नहीं है कि ट्रासपोर्ट सुविधा के नाम पर निजी स्कूल अभिभावकों से भारी भरकम शुल्क वसूल करते है, लेकिन सुविधाओं के मामले में उतनी ही कंजूसी दिखाई जाती है। स्कूल बसों में क्षमता से अधिक बच्चे बैठना आम बात है। इस ओर न कभी अभिभावक ध्यान देते हैं और न ही स्कूल प्रशासन। सितंबर में हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा सभी निजी स्कूलों को विद्यार्थियों को स्कूल तक लाने व ले जाने वाले वाहनों के लिए मापदंड निर्धारित किये थे। लेकिन इन निर्देशों की कितनी पालना हो रही है, इस पर कभी गंभीरता नहीं दिखाई गई।
एसपी ने दी स्कूल संचालकों को नसीहत
रेवाड़ी का अतिरिक्त कार्यभार देख रही एसपी डा.राजश्री ने मंगलवार को जिले के सभी स्कूल संचालकों की बैठक बुलाई तथा स्कूली बसों के लिए निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी।
उन्होने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्कूल वाहनों के लिए निर्धारित किये गए सभी मानदंडों की जानकारी जिले के सभी स्कूलों को मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने विस्तार से नियमों की जानकारी भी दी। उन्होंने सभी स्कूल संचालकों को अपने स्तर पर एक कमेटी बनाने के निर्देश भी दिये जो बच्चों को लाने व ले जाने के लिए अतिरिक्त बसों के रखरखाव व चालकों पर नजर रखेंगे। उन्होंने कहा कि समय-समय पर पुलिस द्वारा स्कूल वाहनों की जाच भी कराई जाएगी तथा मानदंडों का उल्लंघन करने मिलने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। बैठक में उन्होंने सभी स्कूलों के सामने जेब्रा क्रासिंग, ट्रैफिक लाइटे, रोड मार्किग के लिए संबंधित विभागों को पत्र लिखने के निर्देश भी दिये।
माता-पिता को थमाया जायेगा चालान
एसपी ने कहा कि यदि कोई नाबालिग विद्यार्थी वाहन चलाता मिलता है तो उसके माता-पिता का चालान काटा जाएगा तथा वाहन को भी जब्त कर लिया जाएगा।
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डीसी ने जारी किये आदेश
रेवाड़ी : जिलाधीश सीजी रजनी काथन ने कोहरे के चलते होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लाइट और हैवी वाहन चालकों को अपने वाहनों पर फॉग लाइट लगवाने के आदेश जारी किए है। डीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी सभी स्कूल बसों में तुरत प्रभाव से फॉग लाइट लगवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। काथन ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर माननीय न्यायालय की ओर से जारी की गई हिदायतों की पालना सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर जिले में एक जनवरी से सात जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह भी मनाया जा रहा है।
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क्या है सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित मापदंड
-वाहन के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हो।
-किराये पर लिए गए वाहन के आगे व पीछे आन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए।
-वाहन में बैठने की क्षमता से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए। बैग रखने की पर्याप्त जगह हो।
-वाहन में फर्स्ट एड बाक्स व आग बुझाने वाला यंत्र होना चाहिए।
-स्कूल वाहन की खिड़कियों पर ग्रिल व चटकनी लगी होनी चाहिए।
-वाहन पर स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, रूट व समय अंकित होने चाहिए।
-वाहन चालक के पास मान्यता प्राप्त लाइसेंस तथा पाच वर्ष का भारी वाहन चलाने का तजुर्बा होना चाहिए।
-चालक व परिचालक वर्दी में हो तथा उनकी नेम प्लेट पर लाइसेंस नंबर लिखा होना चाहिए।
-स्कूल वाहन का परमिट होना चाहिए।
-वाहन में एक अध्यापक की ड्यूटी हो।
-स्कूल वाहन की फिटनेस, प्रदूषण व इश्योरेस जैसी सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो तथा गति सीमा 50 किमी प्रति घटा से अधिक न हो।
-स्कूल प्रबंधन के पास वाहन चालकों के नाम, पता व टेलीफोन नंबर होने चाहिए तथा यह सभी जानकारी संबंधित थानों में भी होनी चाहिए।
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