फार्मासिस्टों की नियुक्ति पर रोक, कोर्ट ने मांगा जवाब+++स्कूलों के लिए फिर आदेश जारी+++जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा

जयपुर. हाईकोर्ट ने फार्मासिस्ट के 1478 पदों पर होने वाली नियुक्तियों पर 30 जनवरी तक अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने परीक्षा कराने तथा परिणाम घोषित करने की छूट दी है।

कोर्ट ने चिकित्सा सचिव, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा व परिवार कल्याण, कार्मिक सचिव व फार्मासिस्ट परीक्षा 2011 समन्वयक से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश सोमवार को राजीव कुमार दीक्षित व अन्य की याचिकाओं पर दिया।

इनमें कहा गया है कि परीक्षा के लिए योग्यता डी फार्मा थी, लेकिन राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी ने बी फार्मा व एम फार्मा वाले उच्च योग्यता वाले अभ्यर्थियों को भी इसके योग्य मान लिया।

एनआरएचएम प्रोजेक्ट के संविदाकर्मियों को नियुक्ति में 20 बोनस अंक की छूट दी, जबकि बीपीएल व सहकारी क्रय विक्रय केन्द्रों पर कार्यरत फार्मासिस्ट को बोनस अंक की छूट नहीं दी।

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स्कूलों के लिए फिर आदेश जारी

Jan 09, 08:27 pm
अंबाला शहर, जागरण संवाद केंद्र : नौनिहालों की सुरक्षा से हो रहे खिलवाड़ का खुलासा होने के बाद सोमवार को जिला उपायुक्त शेखर विद्यार्थी ने फिर से स्कूल संचालकों को आदेश जारी किए। इसमें यातयात नियमों की अनदेखी करने वालों को फिर से चेतावनी दी गई है।
दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में नौनिहालों से हो रहे खिलवाड़ का खुलासा किया था। स्कूल संचालकों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूली बच्चो को वाहनों में लाने ले जाने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों की पालना करें अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने कहा है कि स्कूली बच्चों को लाने ले जाने वाला वाहन बस, गाड़ी, वैन या अन्य कोई वाहन के पास मोटर वाहन अधिनियम की धारा 66 के अनुसार परमिट होना जरूरी है। शैक्षिक संस्थानों में प्रयोग होने वाली गाडि़यों में उचित फिटनेस व बीमा सर्टिफिकेट होने के साथ-साथ ऐसे ड्राइवरों को रखा जाना चाहिए जिनके पास पाच वर्ष का गाड़ी चलाने का अनुभव हो। वाहन के ड्राइवर व कंडेक्टर निर्धारित वर्दी में हों, उनके पास सक्षम अधिकारी द्वारा जारी लाइसेंस होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूली बस में कंडेक्टर या सहायक का होना जरूरी है जिसे बच्चों को संभालने का सही ज्ञान होना चाहिए। वह सभी स्थान मार्क होने चाहिए जहा से बच्चों को चढ़ाना व उतारना है तथा स्कूली बसों पर नियुक्त होने वाले ड्राइवर कंडेक्टर को दो वर्ष में कम से कम एक बार रिफ्रेशर कोर्स करना होगा। शैक्षिक संस्थानों में चलने वाली गाड़िया जब तक प्रदूषण सर्टिफिकेट प्राप्त न कर लें तब ऐसी गाड़ी सड़क पर नहीं चलनी चाहिए। शिक्षण संस्थानों में लगाई गई गाडि़यों की अधिकतम गति 50 किलोमीटर प्रति घटे से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा ऐसी गाडियों पर शिक्षण संस्था का नाम, रूट तथा आने जाने का रूट लिखा होना चाहिए। सभी शिक्षण संस्थानों व वाहनों में फ‌र्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए तथा वाहन जितनी सीटे हैं, उतने ही बच्चों को बिठाया जाए। सभी स्कूलों में पार्किग की व्यवस्था की जाए तथा शिक्षण संस्थाओं द्वारा नियुक्त निजी स्टाफ ट्रैफिक नियंत्रण का कार्य करेंगे। प्रत्येक शिक्षण संस्थान के चालक का वर्ष में एक बार डॉक्टरी परीक्षण आवश्यक होना चाहिए।
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जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा


सिरसा, जागरण संवाददाता : हरियाणा अध्यापक संघ-70 का एक शिष्ट मंडल संघ के प्रातीय चेयरमैन गुरदीप सैनी के नेतृत्व में विभिन्न मागों को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कुमकुम ग्रोवर व उपजिला शिक्षा अधिकारी डा. यज्ञदत्त वर्मा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से माग की गई कि जेबीटी, सीएंडवी को कंफर्म करने, वार्षिक वेतन वृद्धि नियुक्ति तिथि से, तीन माह से बाट जोह रहे शिक्षकों का वेतन भुगतान, प्राध्यापक, मास्टर व अध्यापकों के खातों में तदर्थ सेवाकाल का अर्जित अवकाश दर्ज करवाए जाने, छह माह के अंतराल पर जेबीटी से सीएंडवी पर पदोन्नति सूची जारी करने, वेतन एकरूपता व विद्यालयों में डाक पहुचाने की व्यवस्था की जाए। शिष्ट मंडल में जिला प्रधान सीताराम खत्री, राजेंद्र वर्मा, नवदीप धूड़िया, इकबाल सिंह, अनिल बेरवाल, जयप्रकाश, विजय मोहन शर्मा, बिमलेश, शमशेर शर्मा, राममेहर शास्त्री, सतवंत नारग, नत्थू राम, शुभकरण अनुभाग, अनुभाग अधिकारी, संदीप कुमार आदि मौजूद थे।

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