शिमला. भू-व्यवस्था विभाग के अनुबंध में लाए गए आकस्मिक पटवारियों को नियमितीकरण से पहले ही सेवानिवृत्ति मिल जाएगी। भू-व्यवस्था विभाग के अनुबंध पर नियुक्त 92 पटवारियों में से कुछ पटवारी 50 साल की उम्र पार चुके हैं जो नियमितीकरण से पहले 50 साल के होकर सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार के आकस्मिक पटवारियों को अनुबंध आधार पर तैनाती देने और पिछली सिनियोरिटी का कोई लाभ नहीं देने के निर्णय को देखकर तो ऐसा ही लगता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सालों से आकस्मिक आधार नियुक्त या कहें कि दिहाड़ी पर नियुक्त 92 पटवारियों को अनुबंध दायरे में लाने के फैसले को मंजूरी दी लेकिन इन पटवारियों की पिछली सेवाओं का कोई लाभ नहीं देने के निर्णय पर भी मुहर लग गई।
ऐसे में आकस्मिक पटवारियों को अनुबंध पर नियुक्ति के बावजूद इस निर्णय का ज्यादा लाभ मिलता नहीं दिख रहा। अनुबंध आधार पर नियुक्त इन पटवारियों में से आठ प्रतिशत 50 साल से ऊपर, 45-50 के बीच 50 प्रतिशत और 40-45 के बीच 20 प्रतिशत लोग हैं जबकि 40 से नीचे केवल 10 फीसदी लाग ही हैं।
भू-व्यवस्था विभाग के पटवारी एवं कानूनगो संघ जल्द ही भू-व्यवस्था विभाग से इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहे हैं। नियमितीकरण के दौरान पटवारियों को सिनियोरिटी से मिलने वाले लाभ को लेकर संशय में हैं।
प्रस्ताव पर विचार करेंगे
प्रधान सचिव राजस्व दीपक सानन ने माना कि फिलहाल तो सरकार ने आकस्मिक पटवारियों को अनुबंध पर लाने का ही निर्णय लिया है और सिनियोरिटी का ज्यादा लाभ नहीं मिल पाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और जैसे ही उनके पास पटवारियों की ओर से कोई प्रस्ताव आता है तो विचार किया जाएगा। मुद्दे को सहानुभूतिपूर्वक तरीके
से हल किया जाएगा।
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हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार के आकस्मिक पटवारियों को अनुबंध आधार पर तैनाती देने और पिछली सिनियोरिटी का कोई लाभ नहीं देने के निर्णय को देखकर तो ऐसा ही लगता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सालों से आकस्मिक आधार नियुक्त या कहें कि दिहाड़ी पर नियुक्त 92 पटवारियों को अनुबंध दायरे में लाने के फैसले को मंजूरी दी लेकिन इन पटवारियों की पिछली सेवाओं का कोई लाभ नहीं देने के निर्णय पर भी मुहर लग गई।
ऐसे में आकस्मिक पटवारियों को अनुबंध पर नियुक्ति के बावजूद इस निर्णय का ज्यादा लाभ मिलता नहीं दिख रहा। अनुबंध आधार पर नियुक्त इन पटवारियों में से आठ प्रतिशत 50 साल से ऊपर, 45-50 के बीच 50 प्रतिशत और 40-45 के बीच 20 प्रतिशत लोग हैं जबकि 40 से नीचे केवल 10 फीसदी लाग ही हैं।
भू-व्यवस्था विभाग के पटवारी एवं कानूनगो संघ जल्द ही भू-व्यवस्था विभाग से इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहे हैं। नियमितीकरण के दौरान पटवारियों को सिनियोरिटी से मिलने वाले लाभ को लेकर संशय में हैं।
प्रस्ताव पर विचार करेंगे
प्रधान सचिव राजस्व दीपक सानन ने माना कि फिलहाल तो सरकार ने आकस्मिक पटवारियों को अनुबंध पर लाने का ही निर्णय लिया है और सिनियोरिटी का ज्यादा लाभ नहीं मिल पाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और जैसे ही उनके पास पटवारियों की ओर से कोई प्रस्ताव आता है तो विचार किया जाएगा। मुद्दे को सहानुभूतिपूर्वक तरीके
से हल किया जाएगा।
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एम्स परीक्षा में हाईटेक सेंध
नई दिल्ली, : हाईफाई मोबाइल फोन, शर्ट की कॉलर में लगे ब्लूटूथ डिवाइस, अत्यंत छोटे ईयरफोन। यानी परीक्षा में नकल का मुकम्मल इंतजाम। इन उपकरणों के जरिए एम्स द्वारा संचालित आल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल परीक्षा में नकल कराई जा रही थी। इस काम को अंजाम देने में एक पूरा गिरोह लगा हुआ था। दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह में शामिल एक डॉक्टर, एमबीए के दो छात्र और एक कंप्यूटर प्रोग्रामर सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। नकल करते पकड़े गए युवकों में रोहतक के पीजीआइ का पूर्व छात्र भी है। वह भिवानी का रहने वाला है। बताया गया है कि यह गिरोह परीक्षा में पास कराने के एवज में एक उम्मीदवार से 25 से 35 लाख तक वसूलता था। ऑल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल प्रवेश परीक्षा एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) आयोजित कराता है। इस परीक्षा के जरिए देशभर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीट भरी जाती हैं। रविवार को 15 राज्यों में 156 केंद्रों पर यह परीक्षा हुई। इसमें 70 हजार परीक्षार्थियों ने भाग लिया। क्राइम ब्रांच उपायुक्त अशोक चांद के अनुसार गिरोह सरगना मोहित चौधरी (23) को प्रगति मैदान के करीब से रविवार को दबोचा गया। आल्टो कार में सवार मोहित के कब्जे से ऑल इंडिया पीजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्रों की 23 पेज की बुकलेट बरामद हुई। अतिरिक्त उपायुक्त संजय भाटिया की टीम ने उसकी निशानदेही पर नोएडा सेक्टर-28 के सेंटर पर पीजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बैठे फर्जी परीक्षार्थी कपिल कुमार तथा कृष्ण प्रताप सिंह को पकड़ा। पूछताछ में पता चला उसी सेंटर पर गिरोह का एक अभ्यर्थी परीक्षा दे रहा है। डॉ. अमित पूनिया को भी पकड़ लिया गया। डॉ. पूनिया ने रोहतक पीजीआइ से एमबीबीएस किया है। तलाशी में उसके पास से तीन मोबाइल फोन, शर्ट के कॉलर में लगे ब्लूटूथ डिवाइस व दो काफी छोटे ईयर फोन बरामद हुए। गिरोह के ग्रेटर नोएडा स्थित ठिकाने पर छापा मारकर भीष्म सिंह को पकड़ा गया। ठिकाने से कंप्यूटर, प्रिंटर, 3 ब्लूटूथ लगी शर्ट, 6 मेडिकल बुक भी बरामद हुई। गिरोह का सरगना मोहित चौधरी उज्जैन में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है। जबकि कपिल और कृष्ण प्रताप एमबीए हैं। भीष्म सिंह कंप्यूटर प्रोग्रामर है। गिरोह की सेवाएं लेने वाले परीक्षार्थियों की पहचान की जा रही है। मामले में जल्द कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। पूछताछ में पकड़े गए आरोपी पहली बार यह काम करने की बात कर रहे हैं। अधिकारी कह रहे हैं कि पूछताछ के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि आखिर यह लोग कब से इस तरह का फर्जीवाड़ा कर रहे
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मिडिल स्कूलों को रसोईघर की सौगात
सिरसा,जागरण संवाददाता : अब संभवत: सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील खुले आसमान तले नहीं बनेगा। विभाग ने स्कूलों में किचन बनाने की कवायद और तेज कर दी है। जल्द ही 74 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में एक करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से यह भवन तैयार किए जाएंगे। निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने के लिए राशि जारी कर दी गई है। सबसे ज्यादा नाथूसरी चौपटा खंड के 18 स्कूलों में यह कार्य करवाने की स्वीकृति मिली है वहीं डबवाली खंड फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी को स्वच्छ माहौल के अलावा साफ सुथरा भोजन भी मिलेगा। सर्वशिक्षा अभियान के तहत जिला के 74 राजकीय माध्यमिक विद्यालय में एक करोड़ 64 हजार की राशि से यह भवन तैयार किए जाएंगे। हर रसोईघर पर एक लाख 36 हजार की राशि खर्च की जाएंगी। सबसे ज्यादा नाथूसरी चौपटा खंड के स्कूलों को इसका फायदा हुआ है। खंड के 18 माध्यमिक स्कूल में 24 लाख 48 हजार रुपये की लागत से किचन तैयार किए जाएंगे। सिरसा के 13 स्कूलों में 17 लाख 68 हजार, बड़ागुढ़ा के 14 स्कूलों में 19 लाख चार हजार, रानियां के 10 स्कूलों में 13 लाख 60 हजार, ऐलनाबाद के सात स्कूलों में नौ लाख 52 हजार, ओढ़ा के 12 स्कूलों में 16 लाख 32 हजार से किचन तैयार किए जाएंगे
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विद्यार्थियों को मिलेगी अत्याधुनिक शिक्षा
गुड़गांव, जागरण संवाद केंद्र : इंडस्ट्री की मांग के हिसाब से तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रम में नई योजनाएं बनाकर बदलाव किया जाएगा। अत्याधुनिक शिक्षा देने के बारे में शीघ्र निर्णय होगा। ये विचार सोमवार को सेक्टर 29 स्थित साइबर बिजनेस पार्क में नेसकॉम व राज्य के 25 कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के प्राचार्यो की बैठक को संबोधित करते हुए उच्चतर शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव एसएस प्रसाद ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब दस कॉलेजों को छांटकर उनके प्रतिभावान विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान ही कुछ चयनित कंपनियां अडॉप्ट करके उन्हें इडस्ट्री की मांग के अनुसार ढालेंगी व प्रशिक्षित करेंगी। इस दौरान अगर इन विद्यार्थियों को अच्छा प्लेसमेंट आदि मिलता है तो हर कॉलेज में इस योजना का लागू किया जाएगा। इसके लिए वह जल्द ही कारगार योजना बनाएंगे। अंाध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र में इस तरह की योजनाएं चल रही हैं जिसमें सरकार तथा कंपनियों के बीच समझौते के तहत विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। बैठक में चार बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि व लैंग्वेज लैब के प्रभारी मौजूद रहे। इस दौरान आइबीएम, डब्ल्यूएनएस, जेनपैक्ट व नेसकॉम के प्रतिनिधियों ने जरूरतों को बताते हुए कोर्स में परिवर्तन के सुझाव दिए। कंपनियों ने प्रजेंटेशन देकर बताया कि किस तरह से विद्यार्थियों व कंपनियों के बीच की खाई को पाटा जाए। इस दौरान गुड़गांव सेक्टर 14 कालेज के प्राचार्य डॉ. अशोक दिवाकर, द्रोणाचार्य कॉलेज के प्राचार्य डीआर यादव सहित 25 कॉलेजों के प्राचार्यो ने विचार व्यक्त किए
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