स्कूल बसों में जीपीएस लगाने के निर्देश : जोशी+++USIEF launches English & Hindi toll-free number



झज्जर, : उपायुक्त अजीत बालाजी जोशी ने जिले के सभी निजी स्कूल संचालकों को निर्देश दिए है कि सभी स्कूल बसों में जीपीएस नेविगेशन डिवाइस लगाना अनिवार्य है। अगले दो महीने के दौरान जिले के सभी स्कूल अपनी बसों में यह सिस्टम लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह निर्देश सोमवार को लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक में दिए।
उपायुक्त ने कहा कि अंबाला जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सभी स्कूल बसों में सुरक्षा मानदंडों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही सभी बसों का नियमित मेंटीनेंस का भी स्कूल संचालकों को ध्यान रखना चाहिए, ताकि किसी प्रकार के हादसे को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि जीपीएस लगाने से सभी स्कूल संचालकों को बसों की सही लोकेशन, स्पीड आदि के बारे में जानकारी मिल सकेगी। जिसके चलते चालकों की मनमर्जी व हादसों का अंदेशा कम हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि जिले के सभी स्कूल अपनी बसों में अगले दो महीनों के दौरान जीपीएस नेविगेशन डिवाइस जरुर लगवाए। अगर कोई स्कूल संचालक इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि सभी स्कूल बसों में यह डिवाइस दो महीने के दौरान हर हाल में लगनी चाहिए। स्कूल बसों में अपने बच्चों को भेजने वाले अभिभावकों की बच्चों को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंता खत्म करने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। इस बैठक में निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन के प्रतिनिधियों सहित, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. जयभगवान शर्मा, डीआइपीआरओ नीरज कुमार आदि अधिकारी भी मौजूद थे।
ट्रैक्टरों में भी जीपीएस लगाने के निर्देश
सिर्फ स्कूल बस ही नहीं, बल्कि जिले के सभी ट्रैक्टर डीलरों को भी उपायुक्त ने निर्देश दिए है कि जीपीएस नेविगेशन डिवाइस ट्रैक्टरों में लगाई जाए। सभी एजेंसी संचालक यह सुनिश्चित करे कि उनके यहां से बिकने वाले हर नए ट्रैक्टर में यह डिवाइस फिट हो। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए यह बेहद कारगर उपाय है।
क्या है जीपीएस प्रणाली?
ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस एक ऐसा उपकरण है, जिसे अगर गाड़ी में फिट कर दिया जाए, तो एक निर्धारित सर्वर पर गाड़ी की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। शुरुआत में इस उपकरण का प्रयोग अमेरिका में किया गया था। प्रयोग के नतीजे सफल रहने पर इसका इस्तेमाल हवाई जहाजों में भी होने लगा। रेल दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जीपीएस प्रणाली के इस्तेमाल पर विचार हो रहा है। इस उपकरण से गाड़ी की सही लोकेशन का आसानी से पता लग सकेगा, चोरी का अंदेशा कम होगा, गाड़ी की गति का आंकलन और चालकों की मनमर्जी को रोका जा सकता है।

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The United States – India Educational Foundation (USIEF) launched a toll-free EducationUSA hotline available in English and Hindi. It will enable students to talk to an EducationUSA adviser and receive information and guidance on higher education in the US.

“This is a vital step towards increasing our outreach activities in India. It represents USIEF’s commitment to helping Indian students find accredited US universities that are the best fit for their academic and professional needs. We welcome Indian students to obtain genuine and relevant advice from us”, said Adam J Grotsky, executive director, USIEF.

The official source on US higher education in India, USIEF's EducationUSA advising staff will now be available via telephone, Monday through Friday, between 2-5 pm on the 
toll free number 1-800-103-1231.
(www.usief.org.in)

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