लुधियाना/चंडीगढ. पांच साल में पंजाब पर कर्ज चढ़ता गया, लेकिन माननीयों की दशा इसके उलट है। इनकी संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई है। 2007 में राज्य पर 57,609 करोड़ का कर्ज था, जो अब बढ़कर 72 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
सरकार को ब्याज की किश्त चुकाने के लाले पड़े हैं। पनबस और अन्य संस्थानों के कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण हड़ताल पर हैं। जिन कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है, उन्हें भी कर्ज लेकर दिया जा रहा है। लेकिन, नेता इन वष्रो में कई गुना अमीर हो गए हैं। 2007 में विधायकों की औसत आय 4,60,37,351 रुपए थी और 2012 में इनकी ओर से घोषित औसत आय 10,73,33,640 रुपए हो गई है।
इसका दूसरा पहलू ये भी है कि इन प्रत्याशियों में से 18 अपराधी हैं। पांच विधायक तो ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, किडनैपिंग और डकैती सरीखे गंभीर मामले विभिन्न न्यायालयों में चल रहे हैं। इन नेताओं में भुलत्थ के कांग्रेसी विधायक सुखपाल खैहरा की संपत्ति में 2282 फीसदी का इजाफा हुआ है।
रामपुरा फूल के गुरप्रीत सिंह कांगड़ 1066 फीसदी, निहालसिंह वाला के कांग्रेसी विधायक अजीत सिंह शांत 1054 फीसदी, बरनाला के कांग्रेसी विधायक केवल सिंह ढिल्लों 1048 फीसदी और रायकोट से शिअद विधायक बिक्रमजीत सिंह खालसा अपनी संपत्ति को 1033 फीसदी तक बढ़ाने में कामयाब रहे हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच साल में बेतहाशा यानि 133 फीसदी का औसतन इजाफा हुआ है वो भी तब जब सारा जहां मंदी के दौर से गुजर रहा था।
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