जुलाना, संवाद सूत्र : जनसूचना का अधिकार लागू होने के साथ ही नित नए-नए बड़े घोटाले निकलकर सामने आ रहे हैं। ऐसा ही कारनामा यमुना वाटर सर्विस के अधिकारियों ने कर दिखाया और गेज रीडर के पद पर कार्यरत कर्मचारी को पदोन्नति से वंचित रखा गया। यह खुलासा आरटीआइ के तहत हुआ। हिसार के जैजैवंती मोहला गांव निवासी भीम सिंह यमुना वाटर सर्विस में गेज रीडर के पद पर कार्यरत है। उसे यह पता लगा कि विभाग द्वारा उसके बाद लगने वाले कर्मचारियों को पदोन्नति दे दी गई है।
इस पर भीम सिंह के बेटे दीपक ने नवंबर 2011 में आरटीआइ दाखिल की और पदोन्नति से संबंधित सवाल खडे़ कर दिए। जब आरटीआइ का जवाब आया तो पता लगा की भीम सिंह को 2009 में ही गेज रीडर से वर्क सुपरवाइजर की पदोन्नति हो जानी चाहिए थी। दीपक ने बताया कि आरटीआइ के तहत ही यह भी पता लग पाया कि भीम सिंह का सीनियर्टी सूची में 47वा नंबर था, मगर विभाग द्वारा 47वें नंबर को पदोन्नति न देकर 48 से 53 नंबर तक के कर्मचारियों को पदोन्नति दे दी गई। मगर सीनियर्टी में 47वें नंबर के कर्मचारी को पदोन्नति से वंचित रखा गया था। यह विभाग के अधिकारियों की लापरवाही बताई है। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही उनके पिता भीम सिंह को अभी तक एसीपी भी नहीं मिली है जबकि कर्मचारी को एसीपी 10 वर्ष के बाद दे दी जाती है एसीपी भी उनके पिता को अभी तक भी नहीं मिली है।
\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\\इस पर भीम सिंह के बेटे दीपक ने नवंबर 2011 में आरटीआइ दाखिल की और पदोन्नति से संबंधित सवाल खडे़ कर दिए। जब आरटीआइ का जवाब आया तो पता लगा की भीम सिंह को 2009 में ही गेज रीडर से वर्क सुपरवाइजर की पदोन्नति हो जानी चाहिए थी। दीपक ने बताया कि आरटीआइ के तहत ही यह भी पता लग पाया कि भीम सिंह का सीनियर्टी सूची में 47वा नंबर था, मगर विभाग द्वारा 47वें नंबर को पदोन्नति न देकर 48 से 53 नंबर तक के कर्मचारियों को पदोन्नति दे दी गई। मगर सीनियर्टी में 47वें नंबर के कर्मचारी को पदोन्नति से वंचित रखा गया था। यह विभाग के अधिकारियों की लापरवाही बताई है। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही उनके पिता भीम सिंह को अभी तक एसीपी भी नहीं मिली है जबकि कर्मचारी को एसीपी 10 वर्ष के बाद दे दी जाती है एसीपी भी उनके पिता को अभी तक भी नहीं मिली है।
बिना परीक्षा दिए लौटे परीक्षार्थी
आबकारी एवं कराधान विभाग में रविवार को इंस्पेक्टर पद की परीक्षा रद्द होने पर परीक्षार्थियों को लौटना पड़ा। परीक्षार्थियों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष भी प्रकट किया। दो सत्रों में होने वाली परीक्षा के लिए प्रदेशभर से काफी संख्या में परीक्षार्थी पहुंचे थे।रविवार को आबकारी एवं कराधान विभाग में इंस्पेक्टर पद के लिए प्रदेशभर से परीक्षा देने के लिए
युवक व युवतियां कैथल पहुंचे, लेकिन यहां परीक्षा रद्द होने की सुचना पर उन्हें बिना परीक्षा दिए लौटने पर मजबूर होना पड़ा। परीक्षा देने आए फतेहाबाद निवासी सुनील कुमार, टोहाना निवासी सुधीर, करनाल के प्रदीप वर्मा, राजीव कुमार, संतोष, रजनी व ज्योति ने बताया कि सर्दी के इस मौसम में वे परीक्षा देने के लिए दूर-दराज से यहां आए है। यहां आकर उन्हें परीक्षा रद्द होने की सुचना मिली है। इस कारण उन्हें काफी समस्याओ का सामना करना पड़ा है। परीक्षा देने आये युवकों ने बताया कि वे समय अनुसार परीक्षा केंद्र पर पहुंचे गए थे।
यहां न तो स्टाफ मिला और ही प्रशासन का कोई अधिकारी। परीक्षा न होने संबंधी भी किसी भी प्रकार का नोटिस यहां चस्पा नहीं किया गया था। इसके चलते उन्हें दो से चार होना पड़ा। परीक्षार्थियों ने कहा कि इससे पूर्व इस परीक्षा की तिथि को दो बार बदला जा चुका है। इस कारण दूसरे जिलों से सर्दी के इस मौसम में सफर करके पहुंचे युवकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इससे उनका आर्थिक नुकसान होने के साथ-साथ समय की भी बर्बादी हुई है।
21 परीक्षा केंद्रों पर होनी थी परीक्षा
कैथल में इंस्पेक्टर पद की इस परीक्षा के लिए 21 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने के लिए परीक्षार्थी भी पहुंच चुके थे। काफी संख्या में परीक्षा देने के लिए परीक्षार्थी आए हुए थे। लेकिन यहां न तो स्टाफ और न ही प्रशासन का कोई अधिकारी व कर्मचारी नजर आया। परीक्षार्थी इंतजार करने के बाद वापिस लोटने पर मजबूर हो गए।
स्थगित थी परीक्षा : एसडीएम
एसडीएम हवा सिंह ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व ही परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। इसके लिए सभी परीक्षार्थियों को सूचित किया गया था। यदि कोई परीक्षार्थी परीक्षा देने आया है तो उन्हें इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए।
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अब स्कूलों में पहुचेगा पूरा राशन
अब राज्य के सभी स्कूल कान्फेड द्वारा सप्लाई किए जाने वाला राशन तौल कर ले सकेंगे। राशन सप्लाई करने वाले वाहन में ही राशन तौलने के लिए मशीन का प्रबंध होगा। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में अध्यापकों को आने वाली परेशानी को समझते हुए यह कदम उठाया है।
जब से स्कूलों में मिड डे मील कार्यक्रम शुरू हुआ है तभी से शिक्षकों की ओर से यह शिकायत पहुच रही थी कि स्कूलों में कान्फेड द्वारा सप्लाई किया जाने वाला राशन कम मात्रा में पहुचता है। स्कूलों में राशन तौलने के लिए अच्छा प्रबंध न होने से इसका लाभ राशन वितरण करने वाले उठाते थे। वे रास्ते में परखिया मार कर हर बोरी से थोड़ा-थोड़ा राशन कम कर लेते थे जिससे स्कूल में राशन पहुचने के समय बोरी आधी नजर आती थी और कई बार तो सप्लाई करने वाले कर्मचारियों को रास्ते में राशन चोरी करते हुए भी पकड़ा गया था।
स्कूलों में यदि अध्यापक कम राशन लेने या तौलकर लेने की बात करते थे तो वितरण करने वाले कर्मचारी राशन न उतारने की धमकी देते थे। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को यादि क्रमाक 2/102-2011 एमडीएम (2) के अनुसार आदेश जारी करके कहा है कि वे अपने जिले के सभी स्कूलों में मिड डे मील का खाद्यान्न पूरी मात्रा में पहुचना सुनिश्चित करे, क्योंकि विद्यालयों में सप्लाई के समय अकसर राशन कम मात्रा में पहुचता है। आदेश में स्कूल मुखियों को राशन तौलकर ही लेने की हिदायत दी गई है। यदि फिर भी राशन कम मात्रा में मिलता है।
इसके साथ ही निदेशक ने कान्फेड के मैनेजिंग डायरेक्टर को भी निर्देश दिए है कि राज्य के स्कूलों में सप्लाई करने वाले वाहनों में वजन तोलने वाली मशीन अवश्य ही उपलब्ध करवाई जाए, ताकि सप्लाई के समय स्कूल अध्यापक तौल कर ही राशन ले सकें।
अध्यापकों के लिए बहुत लाभदायक : पंवार
प्राथमिक शिक्षक संघ जिला प्रधान रोशन लाल पंवार ने कहा कि विभाग का आदेश अध्यापकों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होगा और राशन भी पूरी मात्रा में पहुच पाएगा। उन्होंने कहा कि राशन सप्लाई करने वाले वाहन में कंप्यूटराईज्ड काटा उपलब्ध कराने के आदेश दिए जाने चाहिए, ताकि एजेंसी किसी प्रकार की धोखाधड़ी न कर पाएं।
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