प्रदेश के 20 हजार 176 मास्टरों की स्थायी वरीयता सूची तैयार कर ली गई है। राज्य सरकार ने यह वरीयता सूची 1 जनवरी 2012 के आधार पर तैयार की है। शनिवार तक यह सूची शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर डाले जाने की उम्मीद है। मौलिक शिक्षा विभाग के उप निदेशक जिले की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने मास्टरों की वरीयता सूची तैयार की है। इस कमेटी में उप निदेशक तलवार सिंह, उप निदेशक डीएन यादव, हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रतिनिधि उदयवीर सिंह लाठर (जींद) और सतपाल सिंह (करनाल) शामिल हैं। मास्टरों की वरीयता सूची करीब छह साल बाद बनी है। इससे पहले 1 जनवरी 2006 को यह वरीयता सूची तैयार की गई थी, लेकिन वह अस्थायी थी। यह पहला मौका है जब स्थायी वरीयता सूची बनाई गई है। 1 जनवरी 2012 को आधार मानकर तैयार की गई इस सूची का प्रत्येक
मास्टर को लाभ मिलेगा। मास्टरों को वरीयता नंबर अलाट कर दिया गया है। यदि किसी मास्टर को अपने वरीयता नंबर में कोई संशय अथवा आपत्ति है तो वह 14 मार्च तक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के पास अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी इन आपत्तियों को एकत्र कर 22 मार्च तक मौलिक शिक्षा निदेशक के पास भेजेंगे ताकि उनका निस्तारण किया जा सके। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने शिक्षा विभाग के इस फैसले की सराहना की और कहा कि 1 जनवरी 2012 से वरीयता सूची तैयार करने का फैसला मास्टरों के हित में है। इससे उन्हें पदोन्नति आदि में परेशानी नहीं आएगी।
मास्टर को लाभ मिलेगा। मास्टरों को वरीयता नंबर अलाट कर दिया गया है। यदि किसी मास्टर को अपने वरीयता नंबर में कोई संशय अथवा आपत्ति है तो वह 14 मार्च तक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के पास अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी इन आपत्तियों को एकत्र कर 22 मार्च तक मौलिक शिक्षा निदेशक के पास भेजेंगे ताकि उनका निस्तारण किया जा सके। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने शिक्षा विभाग के इस फैसले की सराहना की और कहा कि 1 जनवरी 2012 से वरीयता सूची तैयार करने का फैसला मास्टरों के हित में है। इससे उन्हें पदोन्नति आदि में परेशानी नहीं आएगी।