प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व रोडवेज कर्मचारी नेता बलदेव सिंह घनघस ने कहा है कि प्रदेश की रोडवेज कर्मशालाओं में 21 साल से कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई है। इसके कारण आज कर्मशालाओं में कर्मचारियों का टोटा बना हुआ है और बसों की मरम्मत का कार्य भी समय पर नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में करीब 3500 चालकों की तो भर्ती कर दी लेकिन परिचालक इससे एक तिहाई कम भर्ती किये गये हैं। परिचालक भी चालकों के बराबर भर्ती होनी चाहिये थी। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन विभागों को फौरन बजट उपलब्ध कराये जाये जिनके कर्मचारियों को अभी तक जनवरी का वेतन नहीं दिया गया है। कहा कि ई-सेलरी पद्घति भी कर्मचारियों व डीडीओज के लिये जी का जंजाल बन गई है।
श्री घनघस आज यहां रोडवेज कर्मचारी यूनियन की बैठक के बाद बताया कि ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 28 फरवरी को की जाने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दिन बसों का चक्का भी जाम रहेगा। हड़ताल ऐतिहासिक होगी। इससे पूर्व फरीदाबाद रैली में भी कर्मचारी रिकार्ड हाजरी में पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों में सरकारी की नई पैंशन नीति को लेकर भारी रोष है। 2006 के भर्ती किये गये कर्मचारियों के लिये जो पैंशन नीति अपनाई गई है उसके तहत तो सेवानिवृति के बाद मामूली राशि ही पैंशनधारक को मिल पायेगी और उसका गुजारा होना संभव नहीं है। केंद्रीय व दूसरे राज्यों के कर्मचारी भी इस नीति का विरोध कर रहे हैं।
श्री घनघस आज यहां रोडवेज कर्मचारी यूनियन की बैठक के बाद बताया कि ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 28 फरवरी को की जाने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दिन बसों का चक्का भी जाम रहेगा। हड़ताल ऐतिहासिक होगी। इससे पूर्व फरीदाबाद रैली में भी कर्मचारी रिकार्ड हाजरी में पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों में सरकारी की नई पैंशन नीति को लेकर भारी रोष है। 2006 के भर्ती किये गये कर्मचारियों के लिये जो पैंशन नीति अपनाई गई है उसके तहत तो सेवानिवृति के बाद मामूली राशि ही पैंशनधारक को मिल पायेगी और उसका गुजारा होना संभव नहीं है। केंद्रीय व दूसरे राज्यों के कर्मचारी भी इस नीति का विरोध कर रहे हैं।