अंबाला
सरकारी स्कूलों में छात्रों को तकनीकी ज्ञान देने के लिए ब्राड बैंड के जरिए इंटरनेट की सेवा शुरू की गई लेकिन यह अब ठप पड़ गई है। लापरवाही कहें या बजट की कमी लेकिन इंटरनेट बंद होने अध्यापक व छात्रों को नहीं तकनीकी ज्ञान नहीं मिल रहा। एकाध स्कूलों को छोड़कर तकरीबन जिले के सभी स्कूलों में यह सेवा बंद हो गई है।
इस सेवा का उद्देश्य छात्रों को इंटरनेट के जरिये तकनीकी ज्ञान देने व स्कूलों को इंटरनेट सेवा
से जोड़ना था लेकिन लापरवाही के कारण धीरे-धीरे स्कूलों में बंद हो गया।
याद रहे कि इंटरनेट सेवा वर्ष 2011 के फरवरी माह में शुरू हुई थी लेकिन अब यह सेवा धीरे-धीरे बंद हो गई। इसकी वजह से स्कूलों में छात्र को इंटरनेट पर पढ़ाई करने की हसरत पूरी नहीं हो पा रही है। एक ओर जहां सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने व छात्रों में तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट सेवा शुरु करवाई थी, लेकिन यह योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। गधौली सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सुल्तानपुर स्कूल, कक्कड़ माजरा स्कूल, रामबाग रोड स्कूल सहित अन्य स्कूलों में इंटरनेट काम करना बंद कर दिया है। हालांकि शुरू में इस योजना के तहत दो तीन महीने से ब्राड बैंड के जरिये इंटरनेट सेवा चलाई गई थी। जानकारों की मानें तो स्कूलों के सामने ब्राड बैंड का बिल भरने के लिए दिक्कत आनी शुरू हो गई जिसके बाद स्कूलों ने भी इंटरनेट में रुचि नहीं दिखाई। इससे छात्रों को इंटरनेट पर तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने का सपना अधूरा है। अध्यापकों ने बताया शुरू-शुरू में स्कूलों में इंटरनेट सेवा सुचारु रुप से चालू किया गया, लेकिन धीरे-धीरे यह बंद हो गया। उधर, बीईओ राजन शर्मा ने माना कि कुछ स्कूलों में इंटरनेट सेवा बंद पड़ी है। उनका कहना है कि बजट की कमी की वजह से ऐसी दिक्कत आई है लेकिन जल्द ही स्कूलों में इंटरनेट सेवा शुरू करवा दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में छात्रों को तकनीकी ज्ञान देने के लिए ब्राड बैंड के जरिए इंटरनेट की सेवा शुरू की गई लेकिन यह अब ठप पड़ गई है। लापरवाही कहें या बजट की कमी लेकिन इंटरनेट बंद होने अध्यापक व छात्रों को नहीं तकनीकी ज्ञान नहीं मिल रहा। एकाध स्कूलों को छोड़कर तकरीबन जिले के सभी स्कूलों में यह सेवा बंद हो गई है।
इस सेवा का उद्देश्य छात्रों को इंटरनेट के जरिये तकनीकी ज्ञान देने व स्कूलों को इंटरनेट सेवा
से जोड़ना था लेकिन लापरवाही के कारण धीरे-धीरे स्कूलों में बंद हो गया।
याद रहे कि इंटरनेट सेवा वर्ष 2011 के फरवरी माह में शुरू हुई थी लेकिन अब यह सेवा धीरे-धीरे बंद हो गई। इसकी वजह से स्कूलों में छात्र को इंटरनेट पर पढ़ाई करने की हसरत पूरी नहीं हो पा रही है। एक ओर जहां सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने व छात्रों में तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट सेवा शुरु करवाई थी, लेकिन यह योजना लापरवाही की भेंट चढ़ गया है। गधौली सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सुल्तानपुर स्कूल, कक्कड़ माजरा स्कूल, रामबाग रोड स्कूल सहित अन्य स्कूलों में इंटरनेट काम करना बंद कर दिया है। हालांकि शुरू में इस योजना के तहत दो तीन महीने से ब्राड बैंड के जरिये इंटरनेट सेवा चलाई गई थी। जानकारों की मानें तो स्कूलों के सामने ब्राड बैंड का बिल भरने के लिए दिक्कत आनी शुरू हो गई जिसके बाद स्कूलों ने भी इंटरनेट में रुचि नहीं दिखाई। इससे छात्रों को इंटरनेट पर तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने का सपना अधूरा है। अध्यापकों ने बताया शुरू-शुरू में स्कूलों में इंटरनेट सेवा सुचारु रुप से चालू किया गया, लेकिन धीरे-धीरे यह बंद हो गया। उधर, बीईओ राजन शर्मा ने माना कि कुछ स्कूलों में इंटरनेट सेवा बंद पड़ी है। उनका कहना है कि बजट की कमी की वजह से ऐसी दिक्कत आई है लेकिन जल्द ही स्कूलों में इंटरनेट सेवा शुरू करवा दी जाएगी।