त्रिस्तरीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में चल रहे एजुकेशन सिस्टम को बदलने के लिए शिक्षा निदेशालय ने कमर कस ली है। पिछले साल की प्लानिंग को बदलते हुए मास्टर्स को सिर्फ छठी से आठवीं कक्षा ही दी जाएंगी। वहीं, जेबीटी पहले की भांति पहली से पांचवीं कक्षा को पढ़ाएंगे। लेकिन, 11वीं व 12वीं को पढ़ाने वाले लेक्चरर के जिम्मे 9वीं व 10वीं कक्षा भी आ जाएगी। नया थ्री टायर एजुकेशन सिस्टम 1 अप्रैल से लागू करने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है।
प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करने के बाद से ही एजुकेशन सिस्टम में बदलाव के संकेत शिक्षा निदेशालय ने दे दिए थे। उक्त बदलाव के अनुसार पहली से चौथी कक्षा तक जेबीटी
, पांचवीं से आठवीं तक मास्टर व 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं लेक्चरर को देने की प्लानिंग थी। यानी, मास्टर वर्ग के पास बोर्ड की कोई भी कक्षा नहीं रहेगी। दूसरी तरफ लेक्चरर के कंधों पर भार बढ़ेगा और उन्हें बोर्ड की दो कक्षाएं पढ़ानी होंगी।
बताया जा रहा है कि अध्यापकों के लिए 'स्टेट' लागू होने की वजह से मास्टर वर्ग को पांचवीं कक्षा नहीं दी जाएगी। फिलहाल स्टेट में जेबीटी, मास्टर वर्ग व लेक्चरर के लिए, यानी तीन पेपर होते हैं। ऐसे में मास्टर वर्ग को अगर पांचवीं कक्षा दी जाती, तो उन्हें मास्टर वर्ग के साथ-साथ जेबीटी वाला स्टेट भी क्लीयर करना पड़ता। ऐसे में झमेले से बचने के लिए थ्री टायर सिस्टम को लेकर बनाई गई पुरानी रणनीति को बदला गया है।
स्कूल शिक्षा निदेशक समीर पाल सरो कहते हैं कि आरटीइ के हर पहलू को जमीनी स्तर पर नए शैक्षणिक सत्र से लागू करने पर विभाग काम कर रहा है। इसमें सभी के सहयोग की जरूरत है।
मांगें मानने पर नहीं करेंगे विरोध : हसला
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुशील कण्वा कहते हैं कि सभी स्कूलों के प्राचार्य व उपप्राचार्य लेक्चरर कैडर से होने चाहिए। लेक्चरर का शुरुआती ग्रेड पे 5400 होना चाहिए। खाली पदों के अलावा नए पद सृजित करते हुए लेक्चरर भर्ती किए जाने चाहिए। सरकार उनकी मांगों को मान ले तो वे थ्री टायर सिस्टम का स्वागत करेंगे।


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