जनाब ये क्या है, शिक्षा में हरियाणा नं. वन और नसीब में ...+++सैकड़ों छात्राएं कॉलेज आती नहीं तो फिर जाती कहां हैं?+++रिटायर होकर भी रिटायर नहीं होंगे हरियाणा के अफसर


पानीपत. शिक्षा में हरियाणा नं. वन। नसीब में टाटपट्टी नहीं। अब तो रोड़ी बजरी पर ही बैठकर पढ़ना है। मॉडल टाउन स्थित सरकारी स्कूल में जमीन पर बैठकर पढ़ने वाले बच्चों के नीचे टाटपट्टी के बजाए रोड़ी बजरी नजर आई।

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रिटायर होकर भी रिटायर नहीं होंगे हरियाणा के अफसर

चंडीगढ़. हरियाणा में 2012 दिसंबर तक 18 आईएएस और 8 आईपीएस सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में हैं। इधर,पता चला है कि बड़ी संख्या में नेता भी चेयरमैन एवं अन्य राजनीतिक पदों को पाने की दौड़ में हैं।

माना यह जा रहा है कि इनकी अफसरी भले ही चली जाए लेकिन लालबत्ती इनके पास ही रहेगी। सरकार इनके तजुर्बे का फायदा भविष्य में भी लेती रहेगी। उनको राजनीतिक पदों,आयोग,निगम एवं बोर्डो में नियुक्ति किया जाएगा। हाल ही में वरिष्ठ आईपीएस पीवी राठी जो सीआईडी के पद पर तैनात थे। एक फरवरी से उनको मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रधान सलाहकार गृह एवं गुप्तचर बनाया गया है। वो दोनों विभागों को देखेंगे।

इस साल के अंत तक रिटायर्ड होने वाले 26 आईएएस एवं आईपीएस में से करीब दर्जन भर अधिकारी विभिन्न पदों पर तैनात होकर अपने अनुभव का लाभ देंगे। मार्च में उर्वशी गुलाटी की सेवानिवृत्ति के बाद उनको बड़ा पद मिलने की उम्मीद है तो अक्टूबर में डीजीपी रंजीव दलाल के तजुर्बे का फायदा भी लिया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव में इनमें से कई अपना भाग्य आजमा सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने साफ किया है कि नियुक्ति मार्च के बाद की जाएगी। इसकी सूची बनाने का काम चल रहा है।

सैकड़ों छात्राएं कॉलेज आती नहीं तो फिर जाती कहां हैं?

वडोदरा (गुजरात)।वडोदरा शहर स्थित एम.एस. युनिवर्सिटी में इन दिनों जबर्दस्त उहापोह मची हुई है। दरसअल युनिवर्सिटी ने हाल ही में एक गल्र्स कॉलेज से गैरहाजिर रहने वाली छात्राओं के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए नोटिस बोर्ड पर उनके नामों की सूची लगवा रखी थी। नोटिस बोर्ड पर नाम लिखने के बाद भी जब छात्राएं गायब रहीं तो फोन कर उनके परिजनों को युनिवर्सिटी बुलाया गया।
चौंकाने वाली स्थिति तब बनी जब अधिकतर पालकों ने यही कहा कि उनकी बेटी रोज कॉलेज आती है। जबकि सच्चई यह है कि वे कॉलेज के लिए निकलती तो घर से हैं, लेकिन कॉलेज पहुंचती नहीं। तो अब सवाल यह उठता है कि आखिर वे जाती कहां हैं?
युनिवर्सिटी ने गल्र्स कॉलेज में लगातार अनुपस्थित रहने वाली 150 छात्राओं के परिजनों को युनिवर्सिटी बुलाया था, जिसमें मात्र 30 पालकों ने ही उपस्थिति दर्ज कराई। कह सकते हैं कि इनमें से 120 छात्राओं के परिजनों ने इस बात को गंभीरता से लिया ही नहीं।
कई लोगों ने चालू मीटिंग में फोन कर डांट लगाई
बेटी घर से निकलती है लेकिन कॉलेज नहीं पहुंचती, इस पर कई परिजन चालू मीटिंग में ही बेटियों को फोन करते नजर आए।
युनिवर्सिटी अब अन्य कॉलेजों में भी जांच की कार्रवाई कर रही है। युनिवर्सिटी के प्रमुखों ने स्पष्ट कर दिया है कि कॉलेज में अधिकतर गैर हाजिर रहने वालों विद्यार्थियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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