उर्वशी गुलाटी की जाएंगी सूचना आयुक्त नियुक्त+++प्रदेश सरकार लेगी 478 करोड़ का ऋण+++प्रदेश के सरकारी स्कूल भवन होंगे बहुमंजिला

उर्वशी गुलाटी की जाएंगी सूचना आयुक्त नियुक्त
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की असहमति के बावजूद राज्य की मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी को राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त करने का रास्ता साफ हो गया है। उर्वशी गुलाटी 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो रही हैं। उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही उर्वशी गुलाटी को राज्य में सूचना आयुक्त नियुक्त कर दिया जाएगा। उनके आइएएस पति नरेश गुलाटी इस समय राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर तैनात हैं। मंगलवार को यहां हरियाणा निवास में मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई चयन समिति की बैठक में उर्वशी गुलाटी के नाम को हरी झंडी दे दी गई। बैठक में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, प्रदेश की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त नरेश गुलाटी मौजूद थे। पता चला है कि बैठक में इस तरह की चयन प्रक्रिया पर चौटाला ने आपत्ति दर्ज कराई है। चौटाला ने कहा कि बैठकों की सूचना तो पहुंच जाती है ¨कतु एजेंडा नहीं भेजा जाता। चौटाला ने बैठक में कहा कि कम से कम दस दिन पूर्व बैठक का एजेंडा पहुंचना चाहिए ताकि उस पर अध्ययन किया जा सके। उर्वशी गुलाटी की बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद चौधरी भी जब मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं तो वर्तमान सरकार ने उन्हें सूचना आयुक्त नियुक्त किया था। बाद में उन्हें मुख्य सूचना आयुक्त भी बनाया गया। इससे पूर्व मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए धर्मवीर को भी सरकार ने हरियाणा राज्य चुनाव आयोग में निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया हुआ है। आज ही भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी आरडी श्योकंद को हरियाणा राज्यस्तरीय पर्यावरण प्रभाव निर्धारण प्राधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसी वर्ष में हरियाणा में पुलिस महानिदेशक (सीआइडी) के पद से सेवानिवृत्त हुए पीवी राठी को हरियाणा सरकार ने पुलिस एवं गृह विभाग का सलाहकार नियुक्त किया है। दूसरी तरफ, मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हो रही उर्वशी गुलाटी के बाद मुख्य सचिव पद के लिए पीके चौधरी की ताजपोशी का रास्ता लगभग साफ हो गया है। हालांकि वरिष्ठता के लिहाज से राजकुमार का नाम लिया जा रहा है ¨कतु बताते हैं कि उनकी सेवानिवृत्ति चार माह बाद होने के कारण मुख्य सचिव के पद पर चौधरी की नियुक्ति होगी। हालांकि कृष्ण मोहन के नाम की भी चर्चाएं हैं मगर उन पर सीबीआइ का मामला होने की वजह से उनका नंबर कटने की खबरें हैं। पता चला है कि हरियाणा सरकार ने केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त पीके चौधरी को रिलीव करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है।
प्रदेश सरकार लेगी 478 करोड़ का ऋण
चंडीगढ़, जाब्यू : प्रदेश सरकार ने 10 साल की अवधि के लिए 478 करोड़ रुपये (सांकेतिक) का ऋण लेने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकार ने स्टॉक (प्रतिभूतियां) की बिक्री अधिसूचित की है। प्रदेश के वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस ऋण का उपयोग राज्य सरकार के विकासात्मक कार्यक्रमों हेतु वित्त व्यवस्था के लिए किया जाएगा। राज्य सरकार चौथी बार यह ऋण ले रही है। इससे पहले करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये के अलग-अलग ऋण लिए जा चुके हैं। सरकारी स्टॉक की नीलामी 29 मार्च को भारतीय रि•ार्व बैंक द्वारा अपने मुंबई कार्यालय में की जाएगी।
प्रदेश के सरकारी स्कूल भवन होंगे बहुमंजिला
सुधीर आर्य, फतेहाबाद निजी स्कूलों की भांति अब सरकारी स्कूल भी बहुमंजिला बनेंगे। जमीन के बढ़ते रेट के बाद स्कूल बनाने में आ रही परेशानियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने बहुमंजिला भवन की पद्धति को अपना लिया हैं। सर्व शिक्षा अभियान के बजट से नए शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के पांच जिलों के शहरी क्षेत्र में चार मंजिला भवन बनाये जाने को स्वीकृति दी गई हैं। इनमें पंचकुला, फरीदाबाद, गुड़गांव व पानीपत जिले शामिल हैं। राज्य में सरकारी स्कूल में बहुमंजिला बनाये जाने पर रोक रही हैं। तकनीकी कारणों का हवाला देकर अक्सर ऊपरी मंजिल को मंजूरी नहीं दी जाती थी। लेकिन अब जमीन की कमी व मंहगे रेट के कारण देर से ही सही शिक्षा विभाग ने बहुमंजिला भवन को सरकारी एजेंडे में शामिल कर लिया हैं। पहली बार पांच जिलों में चार मंजिला भवन बनाये जाने के लिए प्रोजेक्ट स्वीकार कर इसके लिए बजट भी निर्धारित कर दिया हैं। चार मंजिला भवन के प्रत्येक मंजिल पर पीने के पानी का पानी व शौचालय भी कमरों के साथ ही बनाया जाएगा ताकि छात्रों को बार-बार ऊपर नीचे न घूमना पड़े। चार मंजिला भवन में बीस कमरों से अधिक का निर्माण होगा और इसके के लिए 2 करोड़ 16 लाख रुपये की राशि प्रत्येक स्कूल को दी जाएगी। योजना के आरंभ में उन स्कूलों को लिया गया है जहां बच्चों की संख्या अधिक है और स्कूल भवन छोटा पड़ रहा हैं। आबादी के अधिक घनत्व वाले शहरों में इसे पहले लागू किया गया है और फिर कुछ समय बाद इस योजना को राज्यभर में लागू किए जाने की तैयारी है।

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