राजधानी हरियाणा . नौकरीपेशा लोगों के लिए अच्छी खबर है। राज्य में तबादला कहीं भी होने पर कॉलेज में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। नए शैक्षणिक सत्र से कुरुक्षेत्र, महर्षि दयानंद और चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन लेवल (बीए, बीएससी और बीकॉम) के लिए सिलेबस एक समान होगा।
यानी पेरेंट्स का तबादला होने पर बच्चों को किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज में पढ़ने पर कोई दिक्कत नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने तीनों यूनिवर्सिटी को ग्रेजुएशन लेवल का सिलेबस यूनिफार्म रखने के लिए लिख दिया है। इसके लिए तर्क पेरेंट्स के तबादले पर कॉलेज में पढ़ने
वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने का दिया गया है। राज्य सरकार नहीं चाहती कि सरकारी या गैर सरकारी नौकरी वाले पेरेंट्स का तबादला होने पर इनके ग्रेजुएशन लेवल के बच्चों को माइग्रेशन की दिक्कत न हो।
उच्चतर शिक्षा महानिदेशक बलबीर सिंह मलिक के अनुसार अब तक तीनों यूनिवर्सिटी का ग्रेजुएशन लेवल के सिलेबस में कुछ फर्क है। ग्रेजुएशन लेवल पर सिलेबस एक समान करने में यूनिवर्सिटीज को ज्यादा परेशानी नहीं है। ऐसी संभावना पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर मुमकिन नहीं क्योंकि हरेक यूनिवर्सिटी में अलग अलग विषयों की स्पेशलाइजेशन रहती है।
पेपर सेटिंग होगी आसान:
तीनों यूनिवर्सिटीज में ग्रेजुएशन लेवल का सिलेबस एक समान होने पर पेपर्स की सेटिंग और चेकिंग करने व कराने में भी आसानी रहेगी। परीक्षाएं भी कॉमन आयोजित हो सकतीं और रिजल्ट घोषित होने में देरी की शिकायतें भी कम होंगी।
यानी पेरेंट्स का तबादला होने पर बच्चों को किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज में पढ़ने पर कोई दिक्कत नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने तीनों यूनिवर्सिटी को ग्रेजुएशन लेवल का सिलेबस यूनिफार्म रखने के लिए लिख दिया है। इसके लिए तर्क पेरेंट्स के तबादले पर कॉलेज में पढ़ने
वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने का दिया गया है। राज्य सरकार नहीं चाहती कि सरकारी या गैर सरकारी नौकरी वाले पेरेंट्स का तबादला होने पर इनके ग्रेजुएशन लेवल के बच्चों को माइग्रेशन की दिक्कत न हो।
उच्चतर शिक्षा महानिदेशक बलबीर सिंह मलिक के अनुसार अब तक तीनों यूनिवर्सिटी का ग्रेजुएशन लेवल के सिलेबस में कुछ फर्क है। ग्रेजुएशन लेवल पर सिलेबस एक समान करने में यूनिवर्सिटीज को ज्यादा परेशानी नहीं है। ऐसी संभावना पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर मुमकिन नहीं क्योंकि हरेक यूनिवर्सिटी में अलग अलग विषयों की स्पेशलाइजेशन रहती है।
पेपर सेटिंग होगी आसान:
तीनों यूनिवर्सिटीज में ग्रेजुएशन लेवल का सिलेबस एक समान होने पर पेपर्स की सेटिंग और चेकिंग करने व कराने में भी आसानी रहेगी। परीक्षाएं भी कॉमन आयोजित हो सकतीं और रिजल्ट घोषित होने में देरी की शिकायतें भी कम होंगी।
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