प्रदेश के राजकीय स्कूलों में तैनात अतिथि अध्यापक अब राष्ट्रपति को शपथपत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की अनुमति लेंगे। अतिथि अध्यापक संघ के जिला प्रधान सुभाष राविश और सीवन खंड के प्रधान राजीव सैनी ने बताया यह फैसला रोहतक की रैली में लिया गया है। फैसले के तहत यदि सरकार ने 31 मार्च तक उन्हें नियमित नहीं किया तो वे 1 अप्रैल को सामूहिक तौर से अप...ने परिजनों सहित राष्ट्रपति को इच्छा मृत्यु का शपथपत्र सौपेंगे। इसके लिए अध्यापकों ने शपथ बनवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अब जैसे ही प्रदेश कमेटी का आदेश होगा तो सभी अध्यापक उसी अनुरूप अपना शपथ पत्र राष्ट्रपति को भेजेंगे। अध्यापक नेताओं ने कहा कि करीब 7 साल तक राजकीय स्कूलों में अपनी सेवाएं देने के बाद यदि सरकार उनकी सेवाएं बंद करती है तो उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है। उन्होंने बताया कि जिस समय 2005 में अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति की गई तो उस समय टेट या एच टेट की कोई शर्त नहीं थी। योग्यता पूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को ही अतिथि अध्यापक नियुक्त किया गया था। सरकार चाहे तो पॉलिसी बनाकर उनकी सेवाओं को नियमित कर सकती है। सुभाष राविश ने बताया कि अब अतिथि अध्यापकों ने संघर्ष का रास्ता तैयार किया है। अध्यापकों द्वारा तीन-तीन जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल शुरू की है जिसमें शनिवार को मेवात, पलवल और फरीदाबाद जिला के अध्यापकों ने भाग लिया है। इसी क्रम में पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर भूख हड़ताल की जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 15500 अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं। अब उच्च न्यायालय द्वारा अतिथि अध्यापकों के कार्यकाल बढ़ाने पर रोक लगाए जाने से अतिथि अध्यापक बुरी तरह से टूटे हुए नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा नियमित अध्यापकों की नियुक्ति बारे न्यायालय में हलफनामा प्रस्तुत किए जाने से नियमित अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू होने वाली है।
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