दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ पिछले साल घोषित हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा के परिणाम पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने यह नोटिस झज्जर निवासी सविता कुमारी व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि शिक्षा बोर्ड द्वारा पिछले साल पांचवीं कक्षा तक के लिए आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा में आधा दर्जन से अधिक सवाल या तो गलत थे या पाठ्यक्रम से बाहर से थे। याचिकाकर्ता के वकील जगबीर मलिक ने कोर्ट से मांग की है या तो इस मामले में कृपांक दिए जकं या इन गलत सवालों को हटा कर नए सिरे से मेरिट लिस्ट बनाई जाए। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया की शिक्षा बोर्ड ने तय किए गए नियमों को तोड़ते हुए परीक्षा के लिए तय किए गए पाठ्यक्रम के बाहर से सवाल पूछे। याचिकाकर्ता के अनुसार पर्यावरण शिक्षा में बोर्ड ने इतिहास, भूगोल, सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे जो पाठ्यक्रम का हिस्सा थे ही नहीं। भाषा व बाल विकास के पार्ट में भी कुछ गलत सवाल पूछे गए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कुल प्रश्न नंबर 121, 127, 138, 141, 52, 149, 11 या तो पाठ्यक्रम से बाहर के थे या गलत थे। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इस विषय पर उन्होंने परीक्षा के तुरंत बाद बोर्ड को रिप्रजेंटेशन भी दी थी, लेकिन बोर्ड ने उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता के अनुसार इस मसले पर कई बार बोर्ड के परिसर में धरना दिय गया, लेकिन बोर्ड ने कोई कदम नहीं उठाया। याचिकाकर्ता के अनुसार इससे हजारों छात्रों का भविष्य जुड़ा है। याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर विषय है और कोर्ट इसे गंभीरता से लेगा। कोर्ट ने दस मामले में सभी प्रतिवादी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि पिछले साल हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा का परिणाम इस याचिका पर कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
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