हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला : हादसे में कलाई टूटने पर एचसीएस परीक्षा में राइटर की मदद लेने की मांग स्वीकार

चंडीगढ़ . पंजाब एवं... हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कलाई टूट जाने पर उम्मीदवार को हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) की परीक्षा में राइटर की मदद लेने की मांग को स्वीकार कर लिया। अब तक शारीरिक रूप से अपाहिज लोगों को ही परीक्षा के दौरान लेखक की मदद लेने की अनुमति है। ऐसे में हाईकोर्ट का यह फैसला उन लोगों के लिए आशा की किरण लेकर आया है जो किसी शारीरिक परेशानी के चलते प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले हों।

रविवार को होने जा रही एचसीएस की परीक्षा को लेकर अमित कुमार की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि एक सड़क दुर्घटना में 6 मार्च को उसके दाएं हाथ की कलई टूट गई। दाएं हाथ से ही लिखने के कारण 25 मार्च को होने जा रही एचसीएस की परीक्षा देने में उसे कठिनाई है। याचिका में मांग की गई कि उन्हें उत्तर पुस्तिका भरने के लिए राइटर की मदद लेने की अनुमति दी जाए।

हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि नियम विकलांगों को ही राइटर की मदद लेने की अनुमति देते हैं। ऐसे में याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस एजी मसीह ने फैसले में कहा कि यह सही है कि नियम इस बात की अनुमति नहीं देते कि शारीरिक रूप से विकलांगों के अलावा किसी दूसरे को उत्तरपुस्तिका भरने के लिए राइटर की मदद दी जाए। लेकिन मौजूदा परिस्थितियां किसी के वश से बाहर है। ऐसी परिस्थितियों में किसी नियम का हवाला नहीं दिया जा सकता।

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