परीक्षा के पहले बाजार में पहुंचे CBSE 10वीं के सभी पेपर



जयपुर.केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं की परीक्षा शहर में मखौल बन गई है। सीबीएसई की लापरवाही के कारण परीक्षा के पहले ही बच्चों के हाथ में पेपर पहुंच गए हैं। पेपर भी किसी विषय के एक या दो नहीं, बल्कि सीबीएसई की ओर से भेजे गए हर विषयों के प्रश्न पत्रों का पूरा का पूरा सेट बच्चों के पास मौजूद है।

स्कूल स्तर पर हुई लापरवाही के कारण यह सेट बाहर आ गए। अब पेन ड्राइव के माध्यम से एक बच्चे से दूसरे के पास पहुंच रहे हैं। पहले बच्चे दूसरे स्कूल के पेपर का जुगाड़ कर फोटो कॉपी कराते थे। इस बार अधिकतर बच्चों के हाथ में सभी पेपर पहले से ही पहुंच गए। अलग अलग तिथियों में पेपर होने के कारण पहले ही पेपर
आउट जैसी स्थिति बन रही थी। इस मामले को लेकर सीबीएसई ने अभी तक गंभीरता नहीं दिखाई।

इसलिए हो रहे हैं पेपर आउट

सीबीएसई की ओर से स्कूलों को भेजी जा रही सीडी में प्रत्येक विषय के 30 सेट भेजे गए हैं। इसमें से स्कूल को किसी पेपर का चयन कर उससे परीक्षा लेनी है। अगर किन्हीं दो स्कूलों ने समान पेपर का चयन कर लिया और उस विषय की परीक्षा तिथि अलग अलग है तो पेपर आउट की स्थिति बन जाती है।

स्कूल स्तर पर लापरवाही के कारण पेपर बाजार में

जानकारों का कहना है कि सीबीएसई के पेपर का पूरा का पूरा सेट बच्चों के हाथ में पहुंचने के पीछे सबसे बड़ा कारण स्कूल स्तर की लापरवाही है। सीबीएसई स्कूल में पेपर के सेट की सीडी भिजवाता है। किसी स्कूल से इस सीडी से पेपर पेन ड्राइव या अन्य माध्यम से स्कूल के बाहर आ गए और बच्चों के पास पहुंच गए।

अब तक कई स्कूलों में मिल चुके हैं समान पेपर

कक्षा 9 : अलग-अलग दिन आया जयपुरिया विद्यालय, सीडलिंग स्कूल में गणित, जयपुरिया विद्यालय और सेंट जेवियर्स का अंग्रेजी व विद्याश्रम स्कूल तथा जयपुरिया विद्यालय का विज्ञान का पेपर हूबहू था।

कक्षा 10 : सेंट एंसलम्स स्कूल मालवीय नगर और मानसरोवर एसएसटी का, सीडलिंग स्कूल तथा सोफिया स्कूल में अंग्रेजी का पेपर समान था। इन स्कूलों में यह पेपर अलग अलग दिन हुए थे।

सीबीएसई ने जताई लाचारी

सीबीएसई की अधिशासी परिषद के सदस्य डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि स्कूल स्तर पर हुई लापरवाही के कारण ही सभी पेपर बाहर आए हैं।

लापरवाही के लिए जिम्मेदार स्कूल का पता चल जाए तो सीबीएसई उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। वैसे अगर किसी के पास सभी 30 पेपर का सेट है और बच्चा सभी पेपर हल कर लेता है तो उसका पूरा कोर्स वैसे भी कवर हो जाता है। इसको पेपर आउट होने जैसी स्थिति नहीं माना जा सकता। स्कूल में एक ही दिन पेपर हो इसके लिए जयपुर में प्रयास भी किया गया है। एक डेट सीट तैयार कर स्कूलों को भेजी गई है, जो कई स्कूलों ने मानी है।

एक्सपर्ट व्यू---

सीबीएसई का बोर्ड परीक्षा खत्म करना गलत


सीबीएसई का बोर्ड की परीक्षा खत्म करने का निर्णय ही गलत है। वर्तमान में जो व्यवस्था चल रही है, यह तो परीक्षा का मखौल है। इससे न तो बच्चों का सही मूल्यांकन हो पा रहा है और न ही भविष्य में उनको इस परीक्षा का कोई लाभ मिलता नजर आ रहा है। जब तक सीबीएसई इस नई व्यवस्था के प्रति गंभीर रुख नहीं अपनाएगा, रोज पेपर आउट होने का सिलसिला चलता रहेगा। सीबीएसई जब तक हर पेपर के लिए समान तिथि, समान समय का नियम लागू नहीं करेगा। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा।

-विमल प्रसाद अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड


पेपर के साथ टाइम टेबल भी दे सीबीएसई


अलग-अलग दिन हुए पेपर अगर दूसरी स्कूल के पेपर से हूबहू मिलते हैं तो बच्चे परीक्षा की तैयारी करने की बजाय पेपर का जुगाड़ करने में लग जाते हैं। पिछले दो साल से यह स्थिति सामने आ रही है। अब समय आ गया है कि गंभीरता पूर्वक सीबीएसई इस सिस्टम की उपयोगिता की समीक्षा करे। ताकि बच्चे जो अंक प्राप्त करें, वे उनकी मेहनत का परिणाम हो। न की पेपर के जुगाड़ से प्राप्त किए गए अंक। इसके लिए सीबीएसई को पेपर भेजने के साथ टाइम टेबल भी खुद ही भेजना होगा।

-संजीव सिंघल, व्याख्याता, गणित और विज्ञान

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