नई दिल्ली, जाब्यू : किसी पढ़ाई का पाठ्यक्रम पूरा हुए बगैर ही जरूरत पड़ने पर छात्रों को बाकी की पढ़ाई दूसरे विश्वविद्यालयों से पूरी कराने की छूट पर सरकार काफी गंभीर है। इसके लिए वह हर हाल में सभी विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली को लागू करना चाहती है। कई राज्य सरकारों ने भी इस पर सहमति जताई है। लिहाजा छात्रों को अपनी पहले की पढ़ाई के ग्रेड या अंकों (क्रेडिट ट्रांसफर) के साथ दूसरे विश्वविद्यालयों में दाखिले के तौर-तरीकों को तय करने के लिए केंद्र ने एक कमेटी भी गठित कर दी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने राज्यों के उच्च और तकनीकी शिक्षा सचिवों के साथ शुक्रवार को यहां हुई बैठक में इस कमेटी का एलान किया।
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भुगतान बारे नहीं दिए दिशा-निर्देश, अधिकारी पसोपेश में
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए नॉन प्लान बजट जारी कर दिया है, लेकिन इस बजट ने अधिकारी व कर्मचारियों को असमंजस में डाल दिया, क्योंकि विभाग द्वारा बजट के भुगतान के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को विभाग ने 80 करोड़ 60 लाख 50 हजार रुपये की राशि बजट के रुप में जारी की है। बजट में 79 करोड़ 40 लाख रुपये की राशि तो पहली से आठवीं के लिए शिक्षकों के लिए जारी की गई है। जबकि 1 करोड़ 20 लाख 50 हजार रुपये कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारी के वेतन भुगतान पर खर्च होंगे। जबकि नौवीं व दसवीं कक्षा को भी शिक्षक पढ़ाते हैं। उनके वेतन के बारे में विभाग द्वारा कोई लिखित दिशा-निर्देश नहीं किए कि उन्हें जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से वेतन प्राप्त होगा या जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से। क्योंकि पहली से आठवीं तक कक्षाओं का कार्यभार मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय व नौवीं से बारहवीं कक्षा का कार्यभार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को सौंपा गया है। इसलिए दोनों अधिकारी नौवीं व दसवीं कक्षा के टीचरों के वेतन को लेकर असमंजस में हैं कि वेतन कौन-सा कार्यालय जारी करेगा। निदेशालय द्वारा जारी बजट में पहली से पांचवी के शिक्षकों के लिए वेतन भुगतान के लिए 28 करोड़ 20 लाख और महंगाई भत्ते के लिए 11 करोड़ 50 लाख जारी किए हैं। इसी प्रकार छठी से आठवीं कक्षा के लिए भी वेतन भुगतान के लिए 28 करोड़ 20 लाख व महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए 11 करोड़ 50 लाख जारी किए हैं। जबकि उनके द्वारा जारी आदेशों में नौवीं व दसवीं कक्षा के मास्टरों के वेतन भुगतान के बारे में कोई लिखित दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं।
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