गाजियाबाद, जागरण संवाद केंद्र : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने महाविद्यालयों, कालेज व इंस्टीट्यूट पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। इसके लिए निर्देशित किया गया है कि यदि कहीं भी बिना यूजीसी मान्यता प्राप्त के कोर्स चल रहे होंगे तो ऐसे महाविद्यालयों की संबद्धता रद्द करने की संस्तुति शासन को भेजी जाएगी। इसकी जांच के लिए प्रत्येक जिले में एक टीम भेजी जाएगी और कोर्स की जांच करेगी। गाजियाबाद जिले में 250 कालेज व इंस्टीट्यूट हंै। ज्यादातर में बीटेक, एमबीए, बीएड, बीबीए, बीसीए, एमसीए, बीकॉम, एलएलबी आदि कोर्स संचालित हो रहे है। बताया गया है कि कालेज व इंस्टीट्यूट में कुछ कोर्स ऐसे हैं कि जिन्हें यूजीसी की मान्यता नहीं मिली है और हजारों छात्रों ने कोर्स में हजारों रुपये देकर प्रवेश ले लिया है। लेकिन, छात्रों को भी एहसास नहीं है कि जिस कोर्स में उन्होंने प्रवेश लिया है। उन्हें यूजीसी से मान्यता नहीं भी है या नहीं मिली है। ऐसे में छात्रों को किसी भी कंपनी व संस्थान में रोजगार मिलने में खासी परेशानी होती है और जब छात्र कालेज जाता है तो वहां भी हाथ खड़े कर दिए जाते हैं। ऐसे में छात्र का भविष्य बेकार होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा विभाग व चौधरी चरण सिंह विवि के कुलसचिव ओमप्रकाश ने संबृद्ध महाविद्यालयों, इंस्टीट्यूट व प्राचार्यो को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि कोर्स को यूजीसी से मान्यता होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कालेजों व इंस्टीट्यूट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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