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चंडीगढ़। हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन भत्ता अभी तक नहीं बढ़ाया है। विरोध स्वरूप लेक्चरर द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम शनिवार को चौथे दिन भी बंद रहा। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के प्रधान किताब सिंह मोर ने धमकी दी है कि अगर एसोसिएशन के साथ पिछले साल 20 अप्रैल को मानी गई मांगें लागू नहीं होती तो मूल्यांकन काम बंद रहेगा।
मोर ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि जब बोर्ड के सचिव और हसला पदाधिकारियों के बीच गत 10 अप्रैल को समझौता हुआ था कि मूल्यांकन भत्ता प्रति शीट 6 रुपये से बढ़ाकर 9 रुपये, स्थानीय वाहन भत्ता 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रतिदिन और रिफ्रेशमेंट 8 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रतिदिन कर दिया जाएगा।
यह बातें लिखित में भी दी गई। रिफ्रेशमेंट बढ़ाने का पत्र तो जारी कर दिया, लेकिन मूल्यांकन और स्थानीय वाहन भत्ते का पत्र आज तक जारी नहीं हुआ। मूल्यांकन का बायकाट करने के बाद मूल्यांकन केंद्र के भीतर लगाए सीसीटीवी कैमरे तो हटा लिए गए हैं। अब हसला की मांग है कि पिछले साल 20 अप्रैल को शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल और मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल ओएसडी एमएस चोपड़ा के साथ हसला प्रतिनिधियों की हुई बैठक में लेक्चररों को ग्रेड पे 4800 से बढ़ाकर 5400 रुपये, प्रमोशन नीति में बदलाव, एमफिल या पीएचडी लेक्चरर को अतिरिक्त वेतनमान देने की मांगें मानी गई थी। एक साल बीत जाने के बावजूद ये मांगें लागू नहीं हुई हैं। मांगें लागू होने तक मूल्यांकन बायकाट जारी रहेगा।
•लेक्चररों ने चौथे दिन भी बायकाट जारी रखा
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