www.teacherharyana.blogspot.in चंडीगढ़ (ब्यूरो)। हरियाणा में टीचरों को कांट्रेक्ट पर नियुक्ति देने के हरियाणा सरकार के फैसले का शिक्षक वर्ग और कर्मचारी यूनियनों ने जबर्दस्त विरोध शुरू हो गया है। सरकार के फैसले का खुलासा ‘अमर उजाला’ ने शनिवार के अंक में किया था। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने इस मामले पर 23 अप्रैल को आपात बैठक बुला ली है।
संघ के राज्य प्रधान वजीर सिंह, महासचिव सीएन भारती और कृष्ण कुमार ने एक बयान में कहा कि टीचरों को पांच साल तक कांट्रैक्ट पर रखने का फैसला किया है, उन्हें रद किया जाए और टीचर सीधे नियमित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो संघ राज्य में बड़ा आंदोलन करेगा। संघ ने कार्यकारिणी की आपात बैठक 23 अप्रैल को रोहतक में बुलाई है।
संघ के नेताओं ने कहा कि सरकार मनमाने नियम बना शिक्षित बेरोजगारों के साथ मजाक कर रही है।
और आरटीई एक्ट का सीधा उल्लंघन कर रही है।
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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन हैं नए नियम
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने एक बयान में कहा कि टीचरों को पांच साल तक कांट्रेक्ट पर रखना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की उल्लंघना है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी नियुक्तियां नियमित करने के निर्देश उमा देवी मामले में दिए हैं। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी पहले ही कांट्रेक्ट पर चल रहे हैं, उन्हें भी रेगुलर किया जाए।
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पात्र अध्यापकों का धरना जारी
हरियाणा पात्र अध्यापक संघ के प्रधान राजेंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षा सदन के बाहर नए नियमों के खिलाफ उनका धरना जारी है। अगर सरकार ने 30 अप्रैल तक नियम नहीं बदले तो एक मई को रोहतक में सामूहिक आत्मदाह किया जाएगा।
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