: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में संसद सत्र के दौरान वादा किया है कि कुमाऊंनी, गढ़वाली और कुछ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को आधिकारिक दर्जा दिया जाएगा। हरियाणवी भाषा को लेकर सरकार की ओर से कहा गया है कि यदि हरियाणा सरकार इस संबंध में संस्तुति भेजती है तो उस पर विचार किया जाएगा। सांसद नवीन जिंदल ने लोकसभा में चर्चा के दौरान हरियाणवी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संसद में पुरजोर मांग की। लोकसभा अध्यक्ष के सामने अपना प्रस्ताव रखते हुए उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार हिंदी देश की राजभाषा है, तथा संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित सभी भाषाएं इसके समकक्ष हैं। गढ़वाली, कुमाउनी, बोडो, कोंकणी आदि भाषाओं को मिलाकर आज इनकी संख्या 22 हो गई है। हरियाणा भाषा के योगदान व हरियाणा के अलावा सटे क्षेत्रों, यूपी के जिलों और पंजाब व राजस्थान के चार करोड़ लोगों द्वारा बोली और समझी जाने वाली हरियाणवी बोली को भी संवैधानिक भाषा का दर्जा दिया जाए।
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