शिक्षा का विकास जरूरी : हुड्डा++शिक्षा बोर्ड ने मानी स्कूल प्राध्यापकों की कई मांगें


चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और उद्योगों का विकास उनकी सरकार के दो मुख्य उद्देश्य हैं। अच्छी शिक्षा से युवाओं में अच्छा रोजगार पाने की योग्यता बढ़ेगी और उद्योगों के विकास से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री नई दिल्ली में आयोजित एक पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा में अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मुख्यमंत्री हुड्डा को अवार्ड प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि युवाओं की योग्यता और क्षमता को बढ़ाना उनकी सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में से एक है और इसके लिए शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यों में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं हो सकती। सभी राज्यों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। क ई राज्य समुद्र तट पर स्थित हैं और कुछ के पास प्राकृतिक संसाधनों के भंडार हैं। हरियाणा के पास प्राकृतिक संसाधन नहीं हैं, लेकिन उसका एक मात्र प्राकृतिक संसाधन यही है कि वह देश की राजधानी दिल्ली के निकट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास को तेज किया जा रहा है। नए आइएमटी और औद्योगिक एस्टेट स्थापित किए जा रहे हैं। हाल ही में आईएमटी रोहतक में 4700 करोड़ रुपये के निवेश की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है। इनमें जापान की मारुति सुजुकी और गुजरात की अमूल शामिल हैं। हुड्डा ने कहा कि 2005 में हरियाणा में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रति व्यक्ति निवेश की दृष्टि से वह 14वें स्थान पर था, लेकिन आज वह पहले स्थान पर है। देश में प्रति व्यक्ति आय की दृष्टि से हरियाणा का स्थान गोवा के बाद दूसरा है।

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शिक्षा बोर्ड ने मानी स्कूल प्राध्यापकों की कई मांगें
भिवानी, जासंकें : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने स्कूल प्राध्यापकों की मांगें मानते हुए 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की दरों में 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि का एलान कर दिया है। इस बाबत पत्र भी जारी कर दिया गया है। अधिकारियों ने स्कूल प्राध्यापकों से मूल्यांकन कार्य पुन: शुरू करने की अपील भी की है। बोर्ड सचिव डीके बेहरा ने शुक्रवार को यहां बताया कि बारहवीं सेमेस्टर परीक्षा के मूल्यांकन की दरें छह रुपये प्रति उत्तर पुस्तिका से बढ़ाकर नौ रुपये कर दिया गया है तथा दसवीं कक्षा की मूल्यांकन दरें पांच रुपये प्रति उतरपुस्तिका से बढ़ाकर साढे़ सात रुपयेकर दिया गया है। शिक्षकों के जलपान के लिए दी जाने वाली राशि आठ रुपये से बढ़ाकर 15 रुपयेप्रतिदिन कर दी गई है तथा लोक ल कंवेंस की दर भी पांच रुपये से बढ़ाकर 10 रुपयेकर दी गई है।

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