www.teacherharyana.blogspot.inचंडीगढ़, जासं : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि हरियाणा में बगैर उसकी इजाजत के किसी भी बीएड कॉलेज को न तो मान्यता दी जाए और न ही संबद्धता। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार व एनसीटीई से पूरी जानकारी भी तलब की। जनहित याचिका पर सुनवाई दौरान एनसीटीई ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने राज्य के 145 कॉलेजों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार कर ली है व दोषी कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि क्यों न उनकी मान्यता रद कर दी जाए। एनसीटीई ने बताया कि कुल
450 कॉलेजों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हाईकोर्ट ने एनसीटीई को निर्देश दिया कि वह तालिका आधार पर इसकी जानकारी दे कि इन कॉलेज को किस नियमों के तहत मान्यता दी गई है व उनके पास क्या आधारभूत ढांचा है। कोर्ट के निर्देश पर वह दोषी कॉलेज पर एक्शन लेगा। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह बताए कि राज्य में कितने बीएड कॉलेज चल रहे हैं व उनमें कितने छात्र पढ़ रहे हैं। सरकार यह भी बताए कि वास्तविक तौर पर कितने कॉलेज की जरूरत है। कोर्ट ने यह जानकारी 11 जुलाई तक देने का निर्देश दिया है। सैकड़ों बीएड कॉलेजों पर लटक सकते हैं ताले: हाइकोर्ट के इस आदेश से हरियाणा के उन सैकड़ों बीएड कॉलेजों पर ताले लटक सकते हैं जिनको एनसीटीई से हर साल कोर्स की मान्यता लेनी होती है। अब एनसीटीई मान्यता केवल हाईकोर्ट के आदेश पर ही जारी कर सकेगी।
450 कॉलेजों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हाईकोर्ट ने एनसीटीई को निर्देश दिया कि वह तालिका आधार पर इसकी जानकारी दे कि इन कॉलेज को किस नियमों के तहत मान्यता दी गई है व उनके पास क्या आधारभूत ढांचा है। कोर्ट के निर्देश पर वह दोषी कॉलेज पर एक्शन लेगा। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह बताए कि राज्य में कितने बीएड कॉलेज चल रहे हैं व उनमें कितने छात्र पढ़ रहे हैं। सरकार यह भी बताए कि वास्तविक तौर पर कितने कॉलेज की जरूरत है। कोर्ट ने यह जानकारी 11 जुलाई तक देने का निर्देश दिया है। सैकड़ों बीएड कॉलेजों पर लटक सकते हैं ताले: हाइकोर्ट के इस आदेश से हरियाणा के उन सैकड़ों बीएड कॉलेजों पर ताले लटक सकते हैं जिनको एनसीटीई से हर साल कोर्स की मान्यता लेनी होती है। अब एनसीटीई मान्यता केवल हाईकोर्ट के आदेश पर ही जारी कर सकेगी।
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