रवि हसिजा, जींद प्रदेश में जहां शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए पहले पात्रता परीक्षा पास करनी होती है, वहीं अब जेबीटी को टीजीटी पदों पर पदोन्नति पाने के लिए भी पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इस बदलाव को लागू करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। अब टीजीटी (एसएस) पदों पर पदोन्नति का कोटा घटा दिया गया है जबकि टीजीटी (विज्ञान व गणित) में पदोन्नति कोटा बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा अधिसूचना में प्राइमरी हेड टीचर का कहीं उल्लेख न होने से स्पष्ट हो गया है कि ये पद समाप्त हो गए हैं। हरियाणा सरकार के गजट (एक्स्ट्रा) अप्रैल 11, 2012 (सीएचटीआर, 22, 1934 एकेए) के तहत अधिसूचना जारी की है। यह पात्रता परीक्षा किस प्रकार की ली जाएगी, इसका उल्लेख अधिसूचना में नहीं किया गया है। इसी प्रकार से नई अधिसूचना में सीएंडवी कैडर का भी कहीं उल्लेख नहीं किया गया है, जिससे स्पष्ट हो गया है कि यह कैडर भी घटता हुआ कैडर बना दिया गया है। भविष्य में टीजीटी कैडर में ही भर्ती की जाएगी। अब टीजीटी (एसएस) पदों पर पदोन्नति का कोटा 50 से घटाकर 33 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि टीजीटी (विज्ञान व गणित) विषय में पदोन्नति कोटा 20 से बढ़ाकर 33 प्रतिशत कर दिया गया है। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि पदोन्नति में पात्रता लागू करना दुर्भाग्यपूर्ण है, वहीं पर पदोन्नति कोटे में कटौती शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात है। इस मामले को प्राथमिक शिक्षक संघ के साथ मिलकर प्रभावी ढंग से उठाया जाएगा। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद ठाकरान ने पदोन्नति की नई सेवा शर्तो पर रोष जताते हुए इसका कड़ा विरोध करने का फैसला लिया है। पात्रता परीक्षा से लगभग 80 हजार शिक्षक प्रभावित होंगे। निदेशालय के इन फरमानों के खिलाफ 26 अप्रैल को चंडीगढ़ में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल तथा निदेशक डॉ. अभय सिंह यादव से मुलाकात की जाएगी।www.teacherharyana.blogspot.in
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