हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग संबंधी एसोसिएशन ने जताया विरोध
चंडीगढ़। आईसीडीएस सुपरवाइजर एसोसिएशन हरियाणा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से डीसेंट ड्रेस को लेकर जारी फरमान पर कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन की प्रधान सविता और महासचिव राजबाला ने कहा की निदेशालयसे 18 अप्रैल को जारी पत्र में कार्यालयों में डीसेंट ड्रेस पहनने का जो फरमान जारी किया है, उसे सहन नहीं किया जा सकता। यह सर्कुलर महिलाओं को स्वतंत्र नागरिक के तौर पर पहचान और उनकी कपडे़ पहनने की आजादी पर कुठाराघात करता है।
उन्होंने प्रश्न किया कि डीसेंट ड्रेस की परिभाषा कौन तय करेगा। उन्हाेंने कहा कि अगर यह सर्कुलर वापस नहीं लिया तो एसोसिएशन इसके खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान चलाएगी।
फैसला सही : भुक्कल
हरियाणा सरकार ने ड्रेस कोड पर अपने आदेश को सही ठहराया है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास मंत्री गीता भुक्कल ने कहा है कि अनावश्यक विवाद नहीं खड़ा किया जाना चाहिए। सभी विभागों का ड्रेस कोड होता है। यहां तक कि हमारी आंगनबाड़ी वर्करों केलिए भी सलवार-कमीज व दुपट्टे का ड्रेस कोड है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इस आदेश में डीसेंट शब्द से आपत्ति है। आईसीडीसी और आईसीपीसी के महिला स्टाफ को गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाती माताओं से संपर्क करना होता है।
उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड तो जजों, वकीलों, डाक्टरों, निजी स्कूलों, आईटीआई और पोलिटेक्निक के लिए भी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विवाद न खड़ा किया जाए।
यह है आदेश
महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने अपने कर्मचारियों के लिए डीसेंट ड्रेस कोड लागू किया है। विभाग केसुपरिटेंडेंट ने निदेशक रेणू फुलिया के हवाले से आदेश जारी कहा कि यह देखने में आया है कि कुछ कर्मचारी (महिला और पुरुष) आफिस में जीन, टी-शर्ट, पश्चिमी लिबास में आते हैं, जो कई बार बहुत अजीब लगता है और सरकार के नियमों केखिलाफ भी। इसलिए विभाग के पंचकुला स्थित मुख्यालय और फील्ड में आईसीडीसी व आईसीपीसी के कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे कार्यालय में डीसेंट ड्रेस पहनकर आएं, जोकि महिलाओं के लिए साड़ी/सलवार कमीज दुपट्टा और पुरुषों के लिए पेंट-कमीज है। आदेश में आगे कहा गया है कि यह आदेश तुरंत प्रभाव से माना जाए।
इस पर गंभीरता से नजर रखी जाएगी। सभी शाखाओं केअधिकारियों को भी इस आदेश को लागू करवाने के लिए कहा गया है।
ड्रेस कोट का फैसला सही : भुक्कल
हरियाणा सरकार ने ड्रेस कोड पर अपने आदेश को सही ठहराया है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास मंत्री गीता भुक्कल ने कहा है कि अनावश्यक विवाद नहीं खड़ा किया जाना चाहिए। सभी विभागों का ड्रेस कोड होता है। यहां तक कि हमारी आंगनबाड़ी वर्करों केलिए भी सलवार-कमीज व दुपट्टे का ड्रेस कोड है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इस आदेश में डीसेंट शब्द से आपत्ति है। आईसीडीसी और आईसीपीसी के महिला स्टाफ को गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाती माताओं से संपर्क करना होता है। उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड तो जजों, वकीलों, डाक्टरों, निजी स्कूलों, आईटीआई और पोलिटेक्निक के लिए भी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विवाद न खड़ा किया जाए।
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