राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक डा. नरवीर सिंह ने स्वस्थ बच्चा-स्वस्थ मां परियोजना के तहत राज्य में काम कर रही आरसीएच (रिप्रोजेक्ट चाइल्ड हेल्थ) स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित करने का भरोसा दिलाया है। अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित करने की दिशा में अभी उन्होंने कोई संकेत नहीं दिया है। बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से हुई वार्ता के दौरान स्वास्थ्य महानिदेशक ने आरसीएच कर्मियों को नियमित करने की दिशा में प्रयास करने का भरोसा दिलाया है। राज्य में इन कर्मचारियों की संख्या करीब 3200 है। इनमें 400 स्टाफ नर्स2600 एमपीडब्ल्यू महिला स्वास्थ्यकर्मी, और 200 एलटीओ-फार्मासिस्ट शामिल हैं। एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष आशा शर्मा, सचिव राम मेहर वर्मा, संगठन सचिव रोहताश ज्याणी और उप प्रधान संतोष सैनी ने वेतन विसंगतियां दूर कर 4200 ग्रेड पे देने तथा आरसीएच सहित अन्य अनुबंधित कर्मियों को नियमित
किए जाने का मुद्दा उठाया। अनुबंधित कर्मचारियों की संख्या करीब पांच हजार बताई जा रही है। प्रतिनिधिमंडल ने एसीपी के लंबित केसों का निस्तारण करने, आबादी के अनुसार पद सृजित किए, यात्रा भत्ता बढ़ाने, जोखिम तथा टेलीफोन भत्ता देने तथा एमपीएचडब्ल्यू के डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो साल बढ़ाने व योग्यता दस जमा दो करने की मांगें रखी। प्रदेश अध्यक्ष आशा शर्मा व सचिव राम मेहर वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि आरसीएच कर्मियों को नियमित करने की दिशा में गंभीरता से कार्रवाई होगी। एमपीएचडब्ल्यू काडर की वेतन विसंगतियां दूर करने की दिशा में भी प्रयासों का भरोसा दिलाया गया है। इन कर्मचारियों को फिलहाल 8900 रुपये वेतन मिल रहा है।
किए जाने का मुद्दा उठाया। अनुबंधित कर्मचारियों की संख्या करीब पांच हजार बताई जा रही है। प्रतिनिधिमंडल ने एसीपी के लंबित केसों का निस्तारण करने, आबादी के अनुसार पद सृजित किए, यात्रा भत्ता बढ़ाने, जोखिम तथा टेलीफोन भत्ता देने तथा एमपीएचडब्ल्यू के डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो साल बढ़ाने व योग्यता दस जमा दो करने की मांगें रखी। प्रदेश अध्यक्ष आशा शर्मा व सचिव राम मेहर वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि आरसीएच कर्मियों को नियमित करने की दिशा में गंभीरता से कार्रवाई होगी। एमपीएचडब्ल्यू काडर की वेतन विसंगतियां दूर करने की दिशा में भी प्रयासों का भरोसा दिलाया गया है। इन कर्मचारियों को फिलहाल 8900 रुपये वेतन मिल रहा है।
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