सभी स्कूलों को रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश+++अब आरोही स्कूल खरीदेंगे निजी प्रकाशकों की पुस्तकें

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब एवं चंडीगढ़ के सभी स्कूलों को सूचना के अधिकार की धारा-18 के तहत संबंधित सरकारों एवं शिक्षा बोर्डो के पास रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया है। साथ ही संबंधित सरकारों को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस एसके मित्तल एवं जस्टिस टीपीएस मान पर आधारित खंडपीठ ने सोमवार को जारी किया। इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ के सभी स्कूलों में फीस वृद्धि पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी स्कूलों को निर्देश दिया था कि वे फीस बढ़ाने से पहले संबंधित बोर्ड को पूरी जानकारी देंगे। कोर्ट ने सीबीएसई, आइसीएसई, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड एवं हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड से पिछले पांच साल का पूरा रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया था। सोमवार को सुनवाई को सुनवाई के दौरान सभी शिक्षा बोर्डो ने जवाब दायर करने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। लिहाजा खंडपीठ ने सभी शिक्षा बोर्डो को 10 जुलाई तक जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान
यह बात सामने आई कि सिर्फ पंजाब में ही 9800 में से करीब 3800 स्कूल पंजीकृत नहीं हैं। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान सभी शिक्षा बोर्डो से यह जानकारी भी मांग की गई थी कि वे बताएं कि उनसे संबंधित सभी स्कूलों में क्या 25 प्रतिशत आíथक पिछड़े वर्ग के बच्चों को दाखिला मिल रहा है? साथ ही खंडपीठ ने सभी स्कूलों से पिछले पांच वर्ष के प्रॉफिट और लॉस की स्टेटमेंट संबंधित बोर्ड में जमा कराने का निर्देश दिया था। सभी बोर्डो को यह निर्देश भी दिया गया था कि वह तय करें कि स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पुस्तकों के सिवाय कोई अन्य पुस्तक नहीं पढ़ाई जाए। इस मामले में तीन याचिकाएं दायर की गई थी।
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 प्रदेश के आरोही स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पाठ्य पुस्तकें गिफ्ट करने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल ने भी मोहर लगा दी है। इस मामले में शिक्षा बोर्ड के कर्मचारियों का विरोध कोई काम नहीं आया है। इसके साथ ही सेमेस्टर सिस्टम को स्कूल स्तर पर शुरू करने का मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया है। सोमवार को शिक्षा बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक चंडीगढ़ में चेयरपर्सन सुरीना राजन की अध्यक्ष में हुई। बैठक में प्रमुख मुद्दों में शिक्षा बोर्ड का बजट, आरोही स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें गिफ्ट करना व सेमेस्टर सिस्टम का पहला चरण स्कूल स्तर पर लागू करना शामिल था। निदेशक मंडल ने प्रदेश के सभी 26 स्कूलों में सवा करोड़ रुपये की लागत से निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने पर सहमति दे दी है। इसके साथ ही शिक्षा बोर्ड का बजट प्रस्ताव भी पास कर दिया गया है। सेमेस्टर सिस्टम के प्रथम चरण को स्कूल स्तर पर लागू करने के मुद्दे पर निदेशक मंडल ने फिलहाल इसे आगे के लिए टाल दिया है।

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