केंद्र सरकार ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस पर निशाना साधा है। टीडीएस का गलत विवरण देने और फाइलिंग में गलती पर दस हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह प्रावधान एक जुलाई से अमल में आ जाएगा। टीडीएस रिटर्न हर तिमाही जमा किया जाता है। इसमें आमतौर पर स्थाई खाता संख्या (पैन), काटी गई राशि और उसका ब्योरा गलत होता है। आयकर संयुक्त आयुक्त (टीडीएस) एके डे ने बताया कि वित्त विधेयक में प्रस्तावित संशोधन के पारित होने के बाद जुर्माना लगाया जा सकेगा। फिलहाल रिटर्न दाखिल करने में कोई गलती होने अथवा गलती सुधारने के लिए नए रिटर्न में भी दोष रह जाने पर जुर्माना लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। वैसे, देरी से रिटर्न भरने के लिए दंड का प्रावधा
न किया जा चुका है। सरकार के कुल प्रत्यक्ष कर में टीडीएस का 40 प्रतिशत तक योगदान होता है।
न किया जा चुका है। सरकार के कुल प्रत्यक्ष कर में टीडीएस का 40 प्रतिशत तक योगदान होता है।
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