बोर्ड के टॉपरों के लिए आसान होगी अब आइआइटी की राह+++प्रदेश के डीएड कॉलेजों की संबद्धता फीस बढ़ी++एडिड स्कूलों के शिक्षक किए जाएंगे समायोजित+

 केंद्रीय इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए एकल संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) के कड़े विरोध के बीच नया रास्ता निकल सकता है। तब आइआइटी की बात भी रह जाएगी और स्कूल बोर्ड के अंकों को भरपूर तवज्जो (वेटेज) भी मिल जाएगी। आइआइटी काउंसिल ने नये फार्मूले को मंजूरी दी तो संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस में ऑल इंडिया रैंक में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले छात्रों को स्कूल बोर्ड के टॉप 20 से 30 प्रतिशत छात्रों में शामिल होना जरूरी हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक एकल संयुक्त प्रवेश परीक्षा के विरोध में आइआइटी-कानपुर समेत दूसरे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के तेवरों को देखते हुए आइआइटी कौंसिल बुधवार की बैठक में नए फार्मूले पर फैसला कर सकती है। इसके तहत जेईई-मुख्य और जेईई-एडवांस की परीक्षाएं आयोजित की जा सकती हैं। बात बनी तो एआइईईई की तर्ज पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अगले साल अप्रैल में जेईई-मुख्य परीक्षा का आयोजन कर सकता है। इसके बाद आइआइटी अपने स्तर पर जेईई-एडवांस का आयोजन कर सकता है। आइआइटी अपने सर्वाधिक प्रतिभाशाली छात्रों को ही दाखिला देना चाहती है। लिहाजा, जेईई-एडवांस में बेहतरीन नतीजे वाले छात्रों में से ऑल इंडिया रैंकिंग करके आइआइटी अपने लिए छात्रों का चयन कर सकती है, लेकिन उनके दाखिले का दारोमदार उन छात्रों के स्कूल बोर्ड के अंकों पर निर्भर करेगा। बताते हैं कि जेईई-एडवांस में टॉप रैकिंग हासिल करने वाले उन्हीं छात्रों को आइआइटी दाखिला देगी, जो अपने स्कूल बोर्डो के टॉप 20 से 30 प्रतिशत छात्रों में शामिल होंगे। नए फार्मूले के पीछे तर्क यह है कि इससे सभी स्कूल बोर्ड में टॉप करने वाले 20 से 30 प्रतिशत छात्रों के लिए आइआइटी जैसे देश के हाई प्रोफाइल संस्थानों में दाखिले की राह खुल जाएगी।
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प्रदेश के डीएड कॉलेजों की संबद्धता फीस बढ़ी
भिवानी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रदेश की डीएड शिक्षण संस्थाओं को जोर का झटका धीरे से लगाने जा रहा है। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने डीएड संस्थाओं की संबद्धता फीस में 30 हजार रुपये की वृद्धि कर दी है। इससे शिक्षा
बोर्ड को सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आमदनी होगी। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने डीएड संस्थाओं की संबद्धता फीस 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये सालाना कर दी है। यह फीस चालू शिक्षा सत्र से ही लागू कर दी गई है। हालांकि इस सत्र की फीस प्रदेश की डीएड संस्थाएं 20 हजार रुपये के हिसाब से जमा करा चुकी हैं। बोर्ड प्रशासन ने इन संस्थाओं से बकाया राशि वसूलने के लिए पत्र जारी करने शुरू कर दिए हैं। बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में 350 डीएड संस्थान हैं। इनमें हजारों छात्र डीएड की पढ़ाई कर रहे हैं। संबद्धता फीस में 30 हजार रुपये की बढ़ोतरी किए जाने से शिक्षा बोर्ड को करीबन 1 करोड़ 5 लाख रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी। शिक्षा बोर्ड के एक उच्चाधिकारी ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर फीस वृद्धि की पुष्टि की है। दूसरी ओर, भले ही शिक्षा बोर्ड ने संबद्धता फीस डीएड संस्थाओं की बढ़ाई है पर बोझ तो छात्रों पर ही पड़ना है। हालांकि शिक्षा बोर्ड डीएड परीक्षाओं के लिए चारों सेमेस्टर की फीस दो हजार रुपये निर्धारित की हुई है। सालाना एक हजार रुपये के हिसाब से निर्धारित इस फीस के अलावा डीएड संस्थान करीब 18 हजार रुपये वार्षिक फीस भी छात्रों से वसूलते हैं। देखना यह है कि अब संबद्धता फीस बढ़ोतरी के बाद डीएड छात्रों पर कितना बोझ बढ़ाया जाता है।
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एडिड स्कूलों के शिक्षक किए जाएंगे समायोजित
प्रदेश के 204 सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूलों (एडिड) में कार्यरत करीब 2622 शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को सरकार द्वारा अपने अधिकार में लेने का प्रस्ताव है। मंगलवार को यहां मुख्य संसदीय सचिव, शिक्षा राव दान सिंह ने बताया कि इस संबंध में वह स्वयं मुख्यमंत्री से बात करेंगे। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2012 के तहत कर्मचारियों के समायोजित होने से सरकारी खजाने पर करीब 120 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे प्रदेश के विभिन्न जिलों के 1616 पीजीटी, टीजीटी और सीएंडवी शिक्षकों, 305 जेबीटी शिक्षकों और 701 गैर शिक्षणस्टाफ को लाभ होगा।
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