साल 2000 में हरियाणा प्राथमिक शिक्षक भर्ती के समय तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक व आइएएस अधिकारी संजीव कुमार ने अपने अधिकारियों को सफल उम्मीदवारों की सूची में फेरबदल करने के लिए दबाव डाला था। यह बात रोहिणी कोर्ट स्थित सीबीआइ के विशेष जज विनोद कुमार की अदालत में आरोपी राजेंद्र दहिया की तरफ से गवाह शशि मेहता ने कही। मामले में आइएएस अधिकारी संजीव कुमार भी आरोपी हैं। उन्होंने बताया कि वह जब डिस्टि्रक ऑर्गेनाइजेशन कमिश्नर के पद पर तैनात थे तो राजेंद्र दहिया ने उन्हें बताया था कि आइएएस अधिकारी संजीव कुमार उन पर सफल उम्मीदवारों की सूची बदलने के लिए दबाव डाल रहे हैं। लेकिन इसके लिए दहिया तैयार नहीं थे, क्योंकि दहिया का जमीर इसके लिए गवाही नहीं दे रहा था। दहिया ने उन्हें बताया कि यह दबाव उन पर दिल्ली स्थित हरियाणा भवन की बैठक में डाला गया था। जिसके कारण वह काफी परेशान भी थे। ऐसा नहीं करने
पर दहिया को पेंशन सहित अन्य सुविधाओं के लाभ से वंचित कर देने की धमकी भी दी गई थी। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में वर्ष 2000 में तीन हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में बडे़ पैमाने पर अनियमितता के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने मामला दर्ज किया था
पर दहिया को पेंशन सहित अन्य सुविधाओं के लाभ से वंचित कर देने की धमकी भी दी गई थी। उल्लेखनीय है कि हरियाणा में वर्ष 2000 में तीन हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में बडे़ पैमाने पर अनियमितता के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके पुत्र अजय सिंह चौटाला सहित कुल 62 लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने मामला दर्ज किया था
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