प्रदेश के स्कूलों में अध्यापकों के चयन के लिए सरकार ने गत दिनों हरियाणा स्कूल अध्यापक चयन बोर्ड के माध्यम से आवेदन मांगे थे। इस बार आवेदन इंटरनेट के माध्यम से लिए जाने थे। शुरुआत में तो ये आवेदन केवल उन्हीं आवेदनकर्ताओं के स्वीकार किये जा रहे थे, जिन लोगों ने एचटेट की परीक्षा पास की थी। बाद में जब मेहमान अध्यापकों ने सरकार से मांग की कि वे पिछले काफी वर्षों से उनकी सेवा कर रहे हैं। इस पर सरकार ने उन पर मेहरबानी करते हुए उन्हें भी मौका दिया तथा एचटेट की शर्त को हटा दिया। शर्त के हटने के बाद उन लोगों ने भी सरकारी नौकरी पाने की इच्छा रखते ही फार्मं ऑनलाइन भर दिये।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आ गई। सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए ना केवल नये बोर्ड का गठन किया बल्कि अध्यापकों की भर्ती के लिए भी आवेदन मांग लिए। आवेदन के साथ साथ सरकार ने कई बार शर्ताे में बदलाव किया ओर बाद में अंतिम तिथि 15 जुलाई यानि रविवार को तय कर दी। सरकार छुट्टी के दिन न तो आवेदनकर्ता अपनी फीस जमा
कर सकता यहां तक की आज के समय में हर किसी के घर पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है। ऐसे में उन्हें साईबर कैफों पर चक्कर काटने पड़े, लेकिन वहां भी उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
वहां भी लेबर विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी शुरू कर दी, जिस कारण सभी ने अपनी दुकानें बंद कर दी।
यहां यह भी गौरतलब है कि दो दिन पूर्व सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया । इस नोटिफिकेशन में साफ तौर पर लिखा गया जो नियम वर्ष 1998 के तहत बनाया गया है उसी के तहत भर्ती की जाएगी, जिससे उन लोगों में भी खुशी का महौल पनप गया, जिन लोगों के पास न तो एचटेट पास का सर्टिफिकेट था, न ही उन लोगों के पास किसी निजी स्कूल में पढ़ाने का अनुभव था।
दो दिन पूर्व जैसे ही यह नोटिफि केशन जारी हुआ भविष्य के गुरुओं ने अपने फार्म भरने शुरू कर दिए, लेकिन नोटिफि केशन के बाद भी उनके फार्म जमा नही हुए क्योंकि ऑनलाइन फार्म जमा ही नहीं हो पा रहे थे। फार्म में इन दोनों की छूट नहीं थी।
नोटिफिकेशन के अगले दिन शनिवार व रविवार था। रविवार के दिन न तो बैंक में फीस जमा करवाने की सुविधा थी, न ही ऑनलाइन फार्म जमा हुए। भविष्य के गुरुओं को तब झटका लगा जब फार्म ही जमा नहीं हुए। हर किसी को यही मलाल था कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भी वे फार्म नहीं भर पाए।
कृष्णा कालोनी निवासी हरीश, हाऊसिंग बोर्ड निवासी सुमन शर्मा, कितान पाना निवासी विनित कुमार, गांव पूर्णपुरा निवासी संदीप, विद्यानगर निवासी सरोज कुमारी व शकुंतला ने बताया कि नोटिफिकेशन के बावजूद फार्म जमा नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इसके विरुद्ध कोर्ट में अपील करेंगें।
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गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा सरकार हरकत में आ गई। सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए ना केवल नये बोर्ड का गठन किया बल्कि अध्यापकों की भर्ती के लिए भी आवेदन मांग लिए। आवेदन के साथ साथ सरकार ने कई बार शर्ताे में बदलाव किया ओर बाद में अंतिम तिथि 15 जुलाई यानि रविवार को तय कर दी। सरकार छुट्टी के दिन न तो आवेदनकर्ता अपनी फीस जमा
कर सकता यहां तक की आज के समय में हर किसी के घर पर इंटरनेट की सुविधा नहीं है। ऐसे में उन्हें साईबर कैफों पर चक्कर काटने पड़े, लेकिन वहां भी उनकी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
वहां भी लेबर विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी शुरू कर दी, जिस कारण सभी ने अपनी दुकानें बंद कर दी।
यहां यह भी गौरतलब है कि दो दिन पूर्व सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया । इस नोटिफिकेशन में साफ तौर पर लिखा गया जो नियम वर्ष 1998 के तहत बनाया गया है उसी के तहत भर्ती की जाएगी, जिससे उन लोगों में भी खुशी का महौल पनप गया, जिन लोगों के पास न तो एचटेट पास का सर्टिफिकेट था, न ही उन लोगों के पास किसी निजी स्कूल में पढ़ाने का अनुभव था।
दो दिन पूर्व जैसे ही यह नोटिफि केशन जारी हुआ भविष्य के गुरुओं ने अपने फार्म भरने शुरू कर दिए, लेकिन नोटिफि केशन के बाद भी उनके फार्म जमा नही हुए क्योंकि ऑनलाइन फार्म जमा ही नहीं हो पा रहे थे। फार्म में इन दोनों की छूट नहीं थी।
नोटिफिकेशन के अगले दिन शनिवार व रविवार था। रविवार के दिन न तो बैंक में फीस जमा करवाने की सुविधा थी, न ही ऑनलाइन फार्म जमा हुए। भविष्य के गुरुओं को तब झटका लगा जब फार्म ही जमा नहीं हुए। हर किसी को यही मलाल था कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भी वे फार्म नहीं भर पाए।
कृष्णा कालोनी निवासी हरीश, हाऊसिंग बोर्ड निवासी सुमन शर्मा, कितान पाना निवासी विनित कुमार, गांव पूर्णपुरा निवासी संदीप, विद्यानगर निवासी सरोज कुमारी व शकुंतला ने बताया कि नोटिफिकेशन के बावजूद फार्म जमा नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे इसके विरुद्ध कोर्ट में अपील करेंगें।
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