हरियाणा में 52 हजार पुलिसवालों के बाद अब 72 हजार क्लर्क भी अपने वेतन से असंतुष्ट हैं। इन बाबुओं ने अपने हकहकूक की लड़ाई का खाका तैयार कर लिया है। ये लोग पंजाब की तर्ज पर वेतन चाहते हैं। कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ देने के लिए कर्ज उठाने वाली सरकार में बाबुओं की मांग से हलचल मची है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि 57 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी राज्य सरकार यह बोझ कैसे उठाएगी?
लिपिक संघ के प्रदेशाध्यक्ष संदीप सांगवान के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल की नियमावली एक है। इसके बावजूद हरियाणा में क्लर्कों का वेतन पड़ोसी प्रदेश से कम है। हरियाणा में क्लर्क का बेसिक वेतन 71 सौ रुपए है जबकि पंजाब में यह 13,५०० रुपए है। सांगवान कहते हैं, 'अगर पंजाब के बराबर वेतनमान नहीं मिला तो 15 अगस्त से राज्य के सभी 21 जिलों में प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। उसके बाद भी कुछ नहीं
हुआ तो सितंबर में रोहतक में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।'
10 लाख लोगों का मामला : राज्य के साढ़े तीन लाख कर्मचारियों में से क्लर्कों की संख्या 72 हजार है। ऐसे में सरकार इसे हल्के में नहीं लेना चाहती। 72 हजार क्लर्कों और 52 हजार पुलिसवालों के परिवारों को मिलाया जाए तो करीब 10 लाख लोग इस मुद्दे से सीधे जुड़े हैं।
वाजिब मांग मानेंगे
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि हमने अपने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ सबसे पहले दिया था। भविष्य में भी कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। वेतन विसंगतियों पर भी विचार हो सकता है। वाजिब मांग मानने से सरकार देर नहीं करेगी।
नहीं मिले 1500 करोड़
किसी समय हरियाणा सरप्लस स्टेट था लेकिन छठे वेतन आयोग से खजाने पर इतना बोझ पड़ा कि सरकार को कर्ज लेना पड़ा। छठे वेतन आयोग के बदले में राज्य सरकार ने केंद्र से 15 सौ करोड़ रुपए मांगे थे जो नहीं मिले। अब अगर पुलिसकर्मियों व क्लर्कों को पंजाब के बराबर वेतनमान दिया गया तो खजाने पर और बोझ पड़ेगा।
पंजाब से तुलना इसलिए
दोनों राज्यों में कर्मचारियों की नियमावली एक है।
राज्य के 52 हजार पुलिस कर्मचारी पहले ही राज्य सरकार को पत्र लिखकर पंजाब के बराबर वेतनमान की मांग कर चुके हैं। अनुशासित फोर्स मानी जाने वाली पुलिस में इसे लेकर एक एसएमएस अभियान भी चल चुका है। मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह मामला गृह विभाग को भेज दिया था। आजकल विभाग हरियाणा और पंजाब में दिए जा रहे वेतनमान की तुलना कर रिपोर्ट बना रहा है। गृह सचिव समीर माथुर कह चुके हैं कि रिपोर्ट पूरी होते ही सरकार को सौंप दी जाएगी।
प्रदेश पर पहले ही ५७ हजार करोड़ का कर्ज
आज हरियाणा पर 57 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है जो मार्च 2013 तक 60 हजार करोड़ रुपए हो जाएगा। पिछले दो-तीन महीने में राज्य सरकार अपने खर्च चलाने के लिए 1350 करोड़ रुपए का लोन ले चुकी है।
वेतनमान (पे-बैंड)
पंजाब में वेतनमान 10300--34800
लिपिक ग्रेड 3200
सहायक ग्रेड 4200
उपअधीक्षक ग्रेड 4800
अधीक्षक 5400
हरियाणा का पे बैंड 5200--20200
लिपिक ग्रेड 1900
सहायक 3200
उपअधीक्षक 3600
अधीक्षक 4200
लिपिक संघ के प्रदेशाध्यक्ष संदीप सांगवान के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल की नियमावली एक है। इसके बावजूद हरियाणा में क्लर्कों का वेतन पड़ोसी प्रदेश से कम है। हरियाणा में क्लर्क का बेसिक वेतन 71 सौ रुपए है जबकि पंजाब में यह 13,५०० रुपए है। सांगवान कहते हैं, 'अगर पंजाब के बराबर वेतनमान नहीं मिला तो 15 अगस्त से राज्य के सभी 21 जिलों में प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। उसके बाद भी कुछ नहीं
हुआ तो सितंबर में रोहतक में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।'
10 लाख लोगों का मामला : राज्य के साढ़े तीन लाख कर्मचारियों में से क्लर्कों की संख्या 72 हजार है। ऐसे में सरकार इसे हल्के में नहीं लेना चाहती। 72 हजार क्लर्कों और 52 हजार पुलिसवालों के परिवारों को मिलाया जाए तो करीब 10 लाख लोग इस मुद्दे से सीधे जुड़े हैं।
वाजिब मांग मानेंगे
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि हमने अपने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ सबसे पहले दिया था। भविष्य में भी कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। वेतन विसंगतियों पर भी विचार हो सकता है। वाजिब मांग मानने से सरकार देर नहीं करेगी।
नहीं मिले 1500 करोड़
किसी समय हरियाणा सरप्लस स्टेट था लेकिन छठे वेतन आयोग से खजाने पर इतना बोझ पड़ा कि सरकार को कर्ज लेना पड़ा। छठे वेतन आयोग के बदले में राज्य सरकार ने केंद्र से 15 सौ करोड़ रुपए मांगे थे जो नहीं मिले। अब अगर पुलिसकर्मियों व क्लर्कों को पंजाब के बराबर वेतनमान दिया गया तो खजाने पर और बोझ पड़ेगा।
पंजाब से तुलना इसलिए
दोनों राज्यों में कर्मचारियों की नियमावली एक है।
राज्य के 52 हजार पुलिस कर्मचारी पहले ही राज्य सरकार को पत्र लिखकर पंजाब के बराबर वेतनमान की मांग कर चुके हैं। अनुशासित फोर्स मानी जाने वाली पुलिस में इसे लेकर एक एसएमएस अभियान भी चल चुका है। मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह मामला गृह विभाग को भेज दिया था। आजकल विभाग हरियाणा और पंजाब में दिए जा रहे वेतनमान की तुलना कर रिपोर्ट बना रहा है। गृह सचिव समीर माथुर कह चुके हैं कि रिपोर्ट पूरी होते ही सरकार को सौंप दी जाएगी।
प्रदेश पर पहले ही ५७ हजार करोड़ का कर्ज
आज हरियाणा पर 57 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है जो मार्च 2013 तक 60 हजार करोड़ रुपए हो जाएगा। पिछले दो-तीन महीने में राज्य सरकार अपने खर्च चलाने के लिए 1350 करोड़ रुपए का लोन ले चुकी है।
वेतनमान (पे-बैंड)
पंजाब में वेतनमान 10300--34800
लिपिक ग्रेड 3200
सहायक ग्रेड 4200
उपअधीक्षक ग्रेड 4800
अधीक्षक 5400
हरियाणा का पे बैंड 5200--20200
लिपिक ग्रेड 1900
सहायक 3200
उपअधीक्षक 3600
अधीक्षक 4200
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