बेरोजगारों की उम्मीदों पर फिरा पानी, टीईटी में 60 फीसदी लाए बिना नौकरी नहीं


शिमला।शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के बाद नौकरी की आस लगाए करीब एक लाख युवाओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) में 60 फीसदी अंक लेना अनिवार्य है। वहीं, बीएड में 50 फीसदी अंकों की शर्त भी रखी गई है।
प्रदेश में करीब एक लाख युवा ऐसे हैं जो टीईटी पास करने और बीएड में 50 फीसदी अंक की शर्त के चलते भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। फिलहाल सरकार ने बैच वाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इससे इस बार बैच वाइज भर्ती प्रक्रिया की मेरिट गड़बड़ा गई है। शिक्षा मंत्री आईडी धीमान ने कहा, किसी भी श्रेणी के शिक्षक के लिए टीईटी अनिवार्य है।
तीन बैच पर होगा ज्यादा असर
अभी टीजीटी नॉन मेडिकल के वर्ष 1997 के बैच की भर्ती संभावित है। टीजीटी मेडिकल में वर्ष 1999 बैच को शामिल करने की संभावना है। आर्ट्स टीजीटी के लिए वर्ष, 1988 बैच चल रहा है। नई नियमों के अनुसार बैच वाइज भर्ती से अब गणित गड़बड़ा गया है। करीब 75 फीसदी बीएड धारक टीईटी पास नहीं कर पाए हैं। इसमें कुछ ऐसे भी है जिनके बीएड में 50 फीसदी अंक नहीं हैं। एक लाख उम्मीदवार विभिन्न कारणों से बाहर हो रहे हैं। पुरानी भर्ती प्रक्रिया पहले बैच वाइज टीजीटी भर्ती के लिए सिर्फ बीएड पास करना अनिवार्य था। इस तरह तैयार की जाने वाली सूची में जो उम्मीदवार आगे रहता था उसे नौकरी मिल जाती थी। इससे स्पष्ट रहता था कि किस साल के बैच को नौकरी मिली है।
अब परेशानी
नई भर्ती प्रक्रिया के तहत अब बीएड में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के 50 फीसदी अंक होना अनिवार्य हैं। साथ ही आरटीई अधिनियम, 2009 के तहत अब किसी भी श्रेणी का शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना भी अनिवार्य है।
677 पदों पर हो रही है भर्ती
अभी टीजीटी आर्ट्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल के करीब 677 पदों के लिए बैच वाइज भर्ती हो रही है। इसमें आर्ट्स के 252 पद, नॉन मेडिकल के 309 पद और मेडिकल के 116 पद भरे जा रहे हैं। इसमें खेल कोटे की भर्ती भी शामिल की गई है।

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