रोहतक : हरियाणा माध्यमिक स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशालय में छोटे-छोटे कार्यों को लेकर हर रोज निदेशालय पहुंचने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों की अब खैर नहीं है। निदेशालय में विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभाग के निदेशक ए. श्रीनिवास ने कड़ा रवैया अपनाया है। ऐसे कर्मचारियों पर नकेल डालने के लिए निदेशक
ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी निदेशालय का दौरा करता है तो उससे पहले उसे
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी
ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि अगर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी निदेशालय का दौरा करता है तो उससे पहले उसे
अपने उच्चाधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। इतना ही नहीं कर्मचारी को अपनी इस अनुमति में निदेशालय की यात्रा का उद्देश्य भी दर्ज करना होगा तथा निदेशालय की यात्रा का रिकार्ड अपने कार्यालय के भ्रमण रजिस्टर में भी दर्ज करना होगा।
निदेशक के ये निर्देश विभाग में कार्यरत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक यानि दोनों वर्गों के कर्मचारियों पर लागू होंगे। अक्सर देखने में आया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारी निदेशालय, सूचना का अधिकार आयुक्त कार्यालय, सचिवालय और जिला मुख्यालय में घूमते रहते हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारियों के पास मुख्यालय व इन कार्यालयों का दौरा करने से पहले सक्षम उच्चाधिकारी का अनुमति पत्र भी नहीं होता है। ऐसे में विभाग की कार्य संस्कृति और अनुशासन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए विभाग के निदेशक ए. श्रीनिवास ने इस मामले पर प्रमुखता से संज्ञान लेते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
विभाग के निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र क्रमांक 15/86-2010 सीओ(1) 9-07-2010 भेजकर निर्देश दिए हैं कि अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी उक्त कार्यालयों का दौरा करता है तो सबसे पहले उसे अपने उच्चाधिकारी से अनुमति पत्र लेना होगा। पत्र में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निदेशालय व जिला मुख्यालय का दौरा करते समय कर्मचारियों को सक्षम अधिकारी से लिया गया अपना अनुमति पत्र दिखाना होगा और इन कार्यालयों में अपनी उपस्थिति भी रजिस्टर पर दर्ज करनी होगी। निदेशालय में इस रजिस्टर की देखरेख रजिस्ट्रार (शिक्षा) और जिला मुख्यालयों में उप-जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने दिया फरमान, निर्देशों की अनुपालना न करने वाले की ए.सी.आर. भी हो सकती है खराब
कर्मचारियों को कार्यालय छोड़ते समय भी रजिस्टर में इंद्राज करना होगा। पत्र में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बगैर अनुमति पत्र के कोई कर्मचारी अपने कार्यालय व कार्यस्थल से गैर हाजिर पाया गया या फिर मुख्यालय या निदेशालय में मिला तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं इस अनुशासनात्मक कार्रवाई की एंट्री संबंधित कर्मचारी की गोपनीय रिपोर्ट में भी दर्ज की जाएगी। पत्र में निदेशक ने साफतौर पर लिखा है कि निर्देशों की अवहेलना कर्मचारी की पदोन्नति के समय आड़े आ सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशों की कड़ाई से अनुपालना करने के आदेश दिए हैं।
निदेशक के ये निर्देश विभाग में कार्यरत शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक यानि दोनों वर्गों के कर्मचारियों पर लागू होंगे। अक्सर देखने में आया है कि शिक्षा विभाग में कार्यरत शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक कर्मचारी निदेशालय, सूचना का अधिकार आयुक्त कार्यालय, सचिवालय और जिला मुख्यालय में घूमते रहते हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारियों के पास मुख्यालय व इन कार्यालयों का दौरा करने से पहले सक्षम उच्चाधिकारी का अनुमति पत्र भी नहीं होता है। ऐसे में विभाग की कार्य संस्कृति और अनुशासन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए विभाग के निदेशक ए. श्रीनिवास ने इस मामले पर प्रमुखता से संज्ञान लेते हुए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
विभाग के निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र क्रमांक 15/86-2010 सीओ(1) 9-07-2010 भेजकर निर्देश दिए हैं कि अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी उक्त कार्यालयों का दौरा करता है तो सबसे पहले उसे अपने उच्चाधिकारी से अनुमति पत्र लेना होगा। पत्र में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि निदेशालय व जिला मुख्यालय का दौरा करते समय कर्मचारियों को सक्षम अधिकारी से लिया गया अपना अनुमति पत्र दिखाना होगा और इन कार्यालयों में अपनी उपस्थिति भी रजिस्टर पर दर्ज करनी होगी। निदेशालय में इस रजिस्टर की देखरेख रजिस्ट्रार (शिक्षा) और जिला मुख्यालयों में उप-जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने दिया फरमान, निर्देशों की अनुपालना न करने वाले की ए.सी.आर. भी हो सकती है खराब
कर्मचारियों को कार्यालय छोड़ते समय भी रजिस्टर में इंद्राज करना होगा। पत्र में यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बगैर अनुमति पत्र के कोई कर्मचारी अपने कार्यालय व कार्यस्थल से गैर हाजिर पाया गया या फिर मुख्यालय या निदेशालय में मिला तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं इस अनुशासनात्मक कार्रवाई की एंट्री संबंधित कर्मचारी की गोपनीय रिपोर्ट में भी दर्ज की जाएगी। पत्र में निदेशक ने साफतौर पर लिखा है कि निर्देशों की अवहेलना कर्मचारी की पदोन्नति के समय आड़े आ सकती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशों की कड़ाई से अनुपालना करने के आदेश दिए हैं।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा अधिकारी
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी जगबीर मलिक का कहना है कि तबादले व अन्य निजी कार्यों को लेकर जिला मुख्यालय व निदेशालय में अध्यापकों, क्लर्कों व अन्य कर्मचारियों का आना-जाना लगा रहता ही है। इससे इन कार्यालयों में बेवजह की भीड़ लगी रहती है। उन्होंने कहा कि निदेशक की ओर से दिए गए निर्देशों की सख्ती से पालना की जाएगी। किसी भी कर्मचारी को बगैर अनुमति पत्र के मुख्यालयों का दौरा नहीं करने दिया जाएगा। अगर कोई कर्मचारी निर्देशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी
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