प्रदेश में स्थित आश्रय स्थलों के बच्चों की शिक्षा का उचित प्रबंध करने के साथ ही उनका स्वास्थ्य कार्ड भी बनाया जाएगा। यह निर्णय प्रदेश के मुख्य सचिव पीके चौधरी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की सिफारिशों और हस्तक्षेप के बाद बाल संरक्षण संस्थानों की कार्यप्रणाली जांचने के लिए बुलाई समीक्षा बैठक में ली गई। मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव को बताया गया कि प्रदेश में 105 बाल संरक्षण संस्थान हैं। इनमें से 84 ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। शेष संस्थानों को पंजीकरण कराने के लिए प्रेरित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को एक महीने में बाल संरक्षण संस्थानों में रह रहे सभी बच्चों के व्यक्तिगत स्वास्थ्य कार्ड तैयार कर जारी करने का निर्देश दिया ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित आधार पर जांच की जा सके।
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