स्टूडेंट्स की कमी झेल रहे तकनीकी संस्थानों के लिए पॉलीटेक्निक अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट भारी साबित होने वाला है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस सत्र से पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स को ग्रेस माक्र्स (कृपांक) से वंचित कर दिया है। विभाग के इस निर्णय से पॉलीटेक्निक कॉलेजों से पास होने वाले छात्रों का प्रतिशत घटेगा। जिसकी वजह से लेटरल इंट्री टेस्ट (लीट) के माध्यम से बीटेक करने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। इसके साथ साथ तकनीकी संस्थानों की सीटें भी रिक्त रहेंगी। तकनीकी शिक्षा विभाग, पॉलीटेक्निक के सभी छह सेमेस्टरों के पूर्णांक ७२०० का 0.5 प्रतिशत यानी ३६ अंक ग्रेस माक्र्स के रूप में देता रहा है। अगर कोई स्टूडेंट किसी सेमेस्टर के किसी एक पेपर में फेल हो जाता या परीक्षा में नहीं दे पाता था तो उसे ग्रेस माक्र्स देकर पास कर दिया जाता था। सभी छ: सेमेस्टर पास करने के बाद पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स किसी भी तकनीकी संस्थान में बीटेक सेकंड इयर में दाखिला लेने के लिए योग्य माने जाते थे।
लेकिन विभाग ने हाल ही घोषित अंतिम सेमेस्टर के रिजल्ट में किसी भी स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क नहीं दिए। जिससे कई छात्रों
का परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है।
एक साल हो जाएगा खराब
पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स लेटरल इंट्री एग्जाम (लीट) के माध्यम से बीटेक के सेकंड इयर में दाखिला ले सकते हैं। लीट का ऑनलाइन एग्जाम जून में लिया गया था। जिसमें रैंक के आधार पर अब ऑनलाइन काउंसलिंग की जा रही है।
इसके लिए 30 जुलाई अंतिम तिथि है। ऐसे कई स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने लीट में अच्छा रैंक प्राप्त किया है और उन्हें विश्वास था कि उनका किसी अच्छे संस्थान में एडमिशन हो जाएगा। लेकिन तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी फाइनल इयर के रिजल्ट में फेल कर दिया गया। इससे उनका एडमिशन नहीं हो पाएगा।
प्रथम वर्ष दिए गए थे ग्रेस मार्क
विभागीय सूत्रों की माने तो वर्ष 2009-12 बैच के दौरान पहले साल का रिजल्ट काफी खराब रहा था। इसलिए विभाग ने अपनी साख बचाने के लिए स्टूडेंट्स को ग्रेस माक्र्स देकर अपना रिजल्ट सुधार लिया। विभाग का यही निर्णय अब स्टूडेंट्स पर भारी पड़ा है।
चूंकि ग्रेस माक्र्स छह सेमेस्टर्स में से केवल एक बार दिए जा सकते हैं, इसलिए फाइनल इयर में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क नहीं दिए गए।
लेकिन विभाग ने हाल ही घोषित अंतिम सेमेस्टर के रिजल्ट में किसी भी स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क नहीं दिए। जिससे कई छात्रों
का परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है।
एक साल हो जाएगा खराब
पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स लेटरल इंट्री एग्जाम (लीट) के माध्यम से बीटेक के सेकंड इयर में दाखिला ले सकते हैं। लीट का ऑनलाइन एग्जाम जून में लिया गया था। जिसमें रैंक के आधार पर अब ऑनलाइन काउंसलिंग की जा रही है।
इसके लिए 30 जुलाई अंतिम तिथि है। ऐसे कई स्टूडेंट्स हैं, जिन्होंने लीट में अच्छा रैंक प्राप्त किया है और उन्हें विश्वास था कि उनका किसी अच्छे संस्थान में एडमिशन हो जाएगा। लेकिन तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी फाइनल इयर के रिजल्ट में फेल कर दिया गया। इससे उनका एडमिशन नहीं हो पाएगा।
प्रथम वर्ष दिए गए थे ग्रेस मार्क
विभागीय सूत्रों की माने तो वर्ष 2009-12 बैच के दौरान पहले साल का रिजल्ट काफी खराब रहा था। इसलिए विभाग ने अपनी साख बचाने के लिए स्टूडेंट्स को ग्रेस माक्र्स देकर अपना रिजल्ट सुधार लिया। विभाग का यही निर्णय अब स्टूडेंट्स पर भारी पड़ा है।
चूंकि ग्रेस माक्र्स छह सेमेस्टर्स में से केवल एक बार दिए जा सकते हैं, इसलिए फाइनल इयर में फेल होने वाले स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क नहीं दिए गए।
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